पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली में मुफ्त वाईफाई के एलान को युवाओं ने हाथोंहाथ लिया था। आप की ऐतिहासिक जीत में इस वादे का भी अहम योगदान था। लेकिन दिल्ली के बाद पंजाब जीतने का ख्वाब पाल रही पार्टी राजधानी में फिलहाल इस वादे को पूरा करने की स्थिति में नहीं है। ‘जनसत्ता’ ने मुफ्त वाईफाई घोषणा को लेकर दिल्ली सरकार से सूचना के अधिकार के तहत कई सवाल किए। दिल्ली सरकार के सूचना और तकनीक विभाग ने 22 अगस्त 2016 को जवाब दिया कि वह योजना बनाने और उसे मंजूरी देने के स्तर पर है।
दिल्ली के किन कॉलेजों में मुफ्त वाईफाई सेवा शुरू की गई है के सवाल के जवाब में विभाग का कहना है कि इस बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है। सरकार ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में विभाग से मंजूरी लेकर एक खुला टेंडर जारी करेगी। वैसे, यह साफ हो गया है कि केजरीवाल सरकार भी बखूबी जानती है कि इस घोषणा को अमली जामा पहनाना आसान नहीं है। डीटीसी क ी जिन 10 बसों में परीक्षण के लिए वाईफाई की सुविधा मुहैया करवाई गई थी, वह भी अब बंद पड़ी है। आम आदमी पार्टी ने पिछले दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले 70 चुनावी घोषणाएं की थीं। उन घोषणाओं को ‘दिल्ली डायलॉग’ नाम दिया गया था, और उसे आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जारी किया था। दिल्ली में मुफ्त वाईफाई की घोषणा का राजधानी के युवाओं में खासा असर हुआ और चुनावों में दिल्ली में ज्यादातर युवाओं ने आम आदमी पार्टी को वोट दिया था।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की और देश की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हुआ। केजरीवाल सरकार ने चुनावी घोषणाओं में दिल्लीवासियों को मुफ्त पानी और आधे दामों पर बिजली देने की भी घोषणा की थी। सरकार ने अपनी इन दोनों घोषणाओं पर अमल भी जल्द कर दिया। दिल्ली में 400 यूनिट तक प्रतिमाह बिजली इस्तेमाल करने वालों के लिए बिजली के दाम आधे कर दिएऔर 2000 लीटर पानी प्रति माह इस्तेमाल करने वालों के लिए पानी मुफ्त कर दिया गया। इन दोनों घोषणाओं के पूरा होने के बाद दिल्ली के युवाओं को उम्मीद थी कि सरकार जल्द ही दिल्ली में वाईफाई भी मुफ्त कर देगी। केजरीवाल सरकार पर लगातार मुफ्त वाईफाई सेवा मुहैया करवाने को लेकर दबाव बढ़ने लगा, तो सरकार ने अपनी चुनावी घोषणाओं को पूरा करने के लिए दिल्ली डायलॉग आयोग के नाम से एक नई एजंसी की स्थापना की। इस एजंसी को आम आदमी पार्टी की चुनावी घोषणाओं को अमल में लाने और उनपर निगाह रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस एजंसी का उपाध्यक्ष आशीष खेतान को बनाया गया।
दिल्ली डायलॉग आयोग ने मुफ्त वाईफाई सेवा मुहैया करवाने को लेकर दिल्ली सचिवालय में निजी और सरक ारी टेलीकॉम आॅपरेटरों की कई बैठकें कीं। उन बैठकों के बाद दिल्ली सरकार समझ गई कि मुफ्त वाईफाई मुहैया करवाने की उसकी चुनावी घोषणा उसके लिए आसान नहीं है। सरकार ने दिखावे के तौर पर मुफ्त वाईफाई के वादे को शुरू करने का एलान कर दिया। उसके लिए दिल्ली सरकार के 2015 के बजट में प्रावधान भी किया। दिल्ली डायलॉग आयोग ने एलान किया कि सरकार राजधानी के ग्रामीण इलाकों और दिल्ली के कॉलेजों में मुफ्त वाईफाई सेवा शुरू करने जा रही है। दिल्ली के कॉलेजों में पढ़ने वाले युवा इस घोषणा के अमल में आने का इंतजार करने लगे। 23 दिसंबर 2015 को दिल्ली डायलॉग आयोग ने डीटीसी की 10 वातानुकूलित बसों में मुफ्त वाईफाई सेवा शुरू कर दी। वह सुविधा सिर्फ 10 मिनट के लिए आपातकाल के दौरान इस्तेमाल करने के लिए शुरू की गई। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक भव्य कार्यक्रम में उस सेवा को शुरू किया। चंद दिन वह सेवा चली और एकाएक वह भी बंद कर दी गई। मुफ्त वाईफाई मुहैया करवाने की एक अन्य घोषणा दिल्ली डायलॉग के उपाध्यक्ष आशीष खेतान ने की। इस बार उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार पूर्वी दिल्ली में करीब 519 स्थानों पर इसी साल 2016 के दिसंबर तक मुहैया करवाएगी। लेकिन इसे भी पूरा होने में अब संदेह ही दिख रहा है।