आठ फरवरी को जब दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा तो राष्ट्रीय राजधानी का युवा शिक्षा के मुद्दे पर मत डालने के लिए अपने घर से निकलेगा। चुनाव और उसके मुद्दों को लेकर युवा खुलकर बात कर रहे हैं। वह बता रहे हैं कि उन्हें क्या पसंद है, क्या होना चाहिए, क्या गलत हो रहा है और किसे सही करना है। दिल्ली का युवा चाहता है कि देश की राजधानी में सभी को सुगम और सस्ती शिक्षा दी जाए। इसी के मद्देनजर अधिकतर युवा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के विद्यार्थी के छात्रावास शुल्क बढ़ोतरी के आंदोलन का भी समर्थन करते हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय के आत्मा राम सनातन धर्म (एआरएसडी) कॉलेज से हिंदी से एमए कर रहे मोहम्मद आजम ने बताया कि इन चुनावों में उनके लिए शिक्षा सबसे बड़ा मुद्दा होगा। उन्होंने कहा कि वह अपना मत उसी राजनीतिक दल को देंगे जो गरीब से गरीब परिवार के बच्चों के लिए शिक्षा को सुगम और सस्ती बनाए। उन्होंने कहा कि बिना अच्छी शिक्षा व्यवस्था के किसी राष्ट्र की उन्नति नहीं हो सकती है। इसलिए यह सबसे बड़ा मुद्दा है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि उनके लिए युवाओं में बेरोजगारी, महंगाई और गरीबी भी बड़े मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि वे जेएनयू में शुल्क बढ़ोतरी के खिलाफ चल रहे आंदोलन का समर्थन करते हैं।

जेएनयू से एमए कर रहीं ज्योति ने बताया कि देश में शिक्षा जमीनी स्तर से जुड़ी होनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि हमारे देश में महात्मा गांधी और आंबेडकर को बचपन से ही क्यों नहीं पढ़ाया जाता है। अगर ऐसा होगा तो विद्यार्थियों में संविधान के बारे में जागरूकता आएगी। ज्योति ने भी कहा कि उनका मत भी शिक्षा को बेहतर करने वाली पार्टी के पक्ष में ही जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा पूरी तरह से मुफ्त होनी चाहिए और शिक्षा मुफ्त देकर सरकार अपनी जनता पर कोई मेहरबानी नहीं करती है क्योंकि यह हमारे कर का पैसा ही तो है। उन्होेंने कहा कि शिक्षा के अलावा उनके मुद्दों में महिला सुरक्षा, युवा बेरोजगारी, गरीबी और संविधान भी शामिल हैं। ज्योति ने कहा कि मैं जेएनयू में चल रहे वर्तमान आंदोलन का समर्थन करती हूं और चाहती हूं कि हर गरीब और अमीर के बच्चे को मुफ्त शिक्षा मिले।

डीयू के जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज से बीएससी गणित की पढ़ाई कर रहे राहुल ने बताया कि वर्तमान में शिक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है। उन्होंने बताया कि सभी को सस्ती और सुगम शिक्षा मिलनी चाहिए। इस मामले में दिल्ली में कुछ बेहतर कार्य हुए हैं। इसके अलावा युवा बेरोजगारी भी बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि अधिकतर युवा पढ़ाई पूरी करने के बाद रोजगार चाहते हैं लेकिन वर्तमान में तो ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। राहुल ने कहा कि उनका मत उस दल को जाएगा जो शिक्षा और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को अपने घोषणापत्र में शामिल करेंगे।

डीयू के स्कूल आॅफ ओपन लर्निंग से बीए कर रहे विजय ने सभी को मुफ्त शिक्षा की वकालत की और कहा कि मैं उसकी पार्टी को अपना मत दूंगा जो शिक्षा को मुफ्त करने की बता करेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा शहर का विकास, महिला सुरक्षा, बेरोजगारी, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार उनकी सूची में शामिल मुद्दे हैं। विजय ने कहा कि स्वास्थ्य को भी राजनीतिक दलों को अपने घोषणापत्र में शामिल करना चाहिए।