निगम चुनाव के नामांकन की तारीख नजदीक आते ही भाजपा में बगावत के सुर तेज होने लगे हैं। मौजूदा निगम पार्षदों और उनके रिश्तेदारों में किसी को टिकट नहीं देने के आलाकमान के फैसले के खिलाफ पार्षद गोलबंद होने लगे हैं। सोमवार रात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद मंगलवार को दिन भर निगम मुख्यालय में पार्षद जमा हुए और सांसदों का घेराव किया। उधर कांग्रेस में भी दलित और पिछले नेताओं को आगे लाने की कबायद शुरू हो गई है ताकि निगम चुनाव में पार्टी की स्थिति मजबूत हो सके। निगम चुनावों में सभी मौजूदा पाषर्दों को टिकट नहीं देने की घोषणा भाजपा आलाकमान के लिए सिरदर्द साबित हो रही है। कुछ नए और अपने इलाके में मजबूत माने जाने वाले निगम पार्षद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों से टिकट के जुगाड़ में भी लगे हुए हैं। जैसे ही टिकट पक्की होगी वे भाजपा का बाय-बाय बोल देंगे। लेकिन ज्यादातर पार्षद और पूर्व पार्षद इस बात को पार्टी फोरम पर दमदार तरीके से उठाने में लगे हुए हैं कि आखिर किस बिना पर ऐसा फैसला लिया गया है।
सोमवार रात राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने साफ तौर पर कहा कि उन्हें अपनी बातें इलाके के सांसदों को बतानी चाहिए क्योंकि उन्हीं की तरफ से ऐसा प्रस्ताव आया था। जबकि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मरहम लगाते हुए कहा कि जो जीत सकते हैं उन्हें टिकट मिलना चाहिए। इन दोनों आला नेताओं के यहां से मिले आश्वासन के बाद मंगलवार सुबह से शाम तक निगम मुख्यालय में पार्षदों का जमघट लगा रहा। मौजूदा विजयी निगम पार्षदों में गिनती के छोड़कर सभी पार्षद जमा हुए और यह फैसला किया गया कि अपनी बातें पुख्ता तरीके से तर्कसंगत होकर आलाकमान के पास रखी जाए। तीनों निगमों के मेयरों, उपमेयरों, सदन के नेताओं, स्थायी समिति के अध्यक्षों सहित सुभाष आर्या सरीखे कुछ वरिष्ठ पार्षदों को यह जिम्मेदारी दी गई कि वे अन्य पार्षदों की बातों को आलाकमान के सामने रखें। बैठक में दबी जुबान से यह बात भी सामने आई कि जो पहले निर्दलीय जीत चुके हैं और बाद में पार्टी में शामिल हुए हैं उनके लिए तो इस बार भी यह विकल्प खुला ही रहेगा। कुछ महिला पार्षदों ने कहा कि उन्हें पांच साल तो राजनीति सीखने में लग गया और जब भागीदारी की बारी आई तब उनका पत्ता ही काट दिया गया। वरिष्ठ पार्षद आहत हैं कि किस बात की सजा उन्हें दी जा रही है और निगम से बेदखल किया जा रहा है।
