प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुधार एजंडा के तहत रेलवे ने सदस्यों के बीच काम का नए सिरे से वितरण और संसाधन जुटाने के लिए बाहर से सलाहकार के नए पद का सृजन सहित अपने बोर्ड का पुनर्गठन करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। यह सलाहकार संसाधन जुटाने के लिए ऐसे समय में जरूरी सलाह देगा जब रेलवे बड़े पैमाने पर विकास और आधुनिकीकरण की पहल कर रही है। रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, रेलवे में पहली बार संसाधन जुटाने और विकास के लिए जल्द ही एक सलाहकार होगा। यह पद केंद्रीय कर्मचारी स्टाफिंग स्कीम के जरिए भरा जाएगा, जिसमें वरिष्ठ स्तर पर बाहर से प्रतिभा लाने की सहूलियत होगी। चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
व्यवहारिक तर्ज पर रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन करने के लिहाज से पदों का नाम बदला जाएगा और इसके मुताबिक सदस्य अभियांत्रिकी, सदस्य ढांचागत बन जाएगा। जिस पर सिग्नल और दूरसंचार विभागों की अतिरिक्त जिम्मेदारी होगी। अभी तक यह जिम्मेदारी सदस्य इलेक्ट्रिकल के पास थी। इसके अलावा रेलवे ने पर्यावरण निदेशालय भी बनाया है, जो हरित उपायों पर ध्यान देगा। रेलवे की जमीन पर सभी जलाशयों का पुनरुद्धार किया जा रहा है और पटरियों के किनारे व्यापक स्तर पर वनीकरण किया जा रहा है। ट्रेनों और स्टेशनों को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी भी पर्यावरण निदेशालय को दी गई है। साथ ही खानपान पर भी ध्यान दिया जा रहा है।