कांग्रेस ने शुक्रवार (17 फरवरी) को केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के विधायकों की वेतन वृद्धि संबंधी फाइल लौटाए जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर हमला बोला। कांग्रेस ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) अब ‘आम आदमी’ पार्टी नहीं रही, बल्कि ‘खास’ पार्टी हो गई है। दिल्ली की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा, “सत्ता में आने से पहले उन्होंने अपने शपथपत्र में कहा था कि वे बंगला नहीं लेंगे, कार का इस्तेमाल नहीं करेंगे और वे वीआईपी संस्कृति को खत्म करेंगे।” माकन ने यह बातें ‘दिल्ली सरकार की विफलताओं’ पर एक पत्र जारी करते हुए कहीं।

माकन ने कहा, “नए प्रस्ताव के अनुसार उन्होंने 400 फीसदी वेतन वृद्धि की मांग की है। यह पार्टी आम आदमी पार्टी नहीं रह गई है, अब यह ‘खास’ लोगों की पार्टी हो गई है।” गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, “दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र विधानसभा सदस्य (वेतन, भत्ते, पेंशन आदि) संशोधन विधेयक को दिल्ली सरकार को वापस लौटा दिया गया, जिसमें हमने कई मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगें हैं।” माकन का बयान विधेयक को लौटाए जाने के बाद आया है। उन्होंने कहा कि आप सरकार के नए प्रस्ताव के अनुसार विधायकों को 25000 रुपये कार्यालय किराए के रूप में, 12 लाख रुपये वाहन खरीदने के लिए और 3 लाख रुपये प्रति साल परिवार को छुट्टियां बिताने के लिए दिए जाएं।

विधायकों के वेतन, भत्ते में वृद्धि वाला विधेयक दिल्ली सरकार को दोबारा लौटाया

दिल्ली के विधायकों के वेतन में 400 प्रतिशत की बढ़ोतरी और उनकी सुविधाओं एवं भत्तों में भारी बढ़ोतरी करने संबंधी दिल्ली सरकार के एक विधेयक को गृह मंत्रालय द्वारा दूसरी बार लौटा दिया गया है। मंत्रालय ने इस विधेयक को लेकर और स्पष्टीकरण मांगा है। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि दिल्ली विधायक (वेतन, भत्ता, पेंशन आदि) संशोधन विधेयक को दिल्ली सरकार के पास वापस भेज दिया गया है क्योंकि कई मुद्दों पर स्थिति और स्पष्ट किए जाने की जरूरत है। माना जाता है कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली के विधायकों के वेतन और भत्तों में भारी बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर यह कहते हुए आपत्ति की है कि सरकारी खजाने पर यह बोझ दिल्ली सरकार के राजस्व के अनुरूप नहीं है।

इस विधेयक के मुताबिक, विधायकों की तनख्वाह मौजूदा 12,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए करने और उनका कुल मासिक पैकेज मौजूदा 88,000 रुपए के बजाय 2.1 लाख रुपए करने का प्रस्ताव किया गया है जिससे दिल्ली के विधायक देश में सबसे अधिक भुगतान पाने वाले विधायक बन जाएंगे। यह दूसरी बार है जब गृह मंत्रालय ने इस विधेयक को दिल्ली सरकार को लौटाया है। पिछले साल, इसने अरविंद केजरीवाल सरकार से उस गणना के बारे में पूछा था जिसके आधार पर इस विधेयक में उल्लिखित इन आंकड़ों पर पहुंचा गया है।