विपक्षी दलों ने आज दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर सूचना एवं प्रचार के लिए आवंटन में कथित रूप से बढ़ोत्तरी करने को लेकर निशाना साधा और कहा कि खुद के प्रचार पर जनता का पैसा खर्च करना भ्रष्टाचार के सामन है।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा, ‘‘उसने (दिल्ली सरकार ने) सिर्फ सूचना एवं प्रचार के लिए 526 करोड़ रुपये रखा है और पिछले साल इस मद में सिर्फ 24 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने विभिन्न अन्य ढांचागत विकास कार्यों के बजट में कटौती की और वे अपने पार्टी कार्यकर्ताओं एवं सलाहकारों पर पैसे खर्च कर रहे हैं। क्या स्वयं के प्रचार पर अधिक पैसे खर्च करना एक तरह का भ्रष्टाचार नहीं है।’’

आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता प्रशांत भूषण ने भी सरकार के इस कदम की आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल सरकार का नया एफएम रेडियो विज्ञापन अदालत की अवमानना है और इस मुद्दे को जल्द ही उच्चतम न्यायालय की नोटिस में लाया जायेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल सरकार द्वारा लाया गया विज्ञापन पूरी तरह से उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करता है। यह सोचना कि आप रेडियो विज्ञापन के जरिये कुछ भी कर सकते हैं क्योंकि इस पर आपका फोटो नहीं लगा होता तो यह अदालत के फैसले पर गलतफहमी होगी।

उन्होंने कहा कि अगर रेडियो विज्ञापन का इस्तेमाल किसी पार्टी, सरकार या राजनीतिक नेता के प्रचार और उसे बढावा देने के लिए किया गया है तो यह उच्चतम न्यायालय के फैसले का उल्लंघन होगा और इसे जल्द ही अदालत की नोटिस में लाया जायेगा।