नवरात्र के साथ यानी 1 अक्तूबर से दिल्ली में रामलीलाओं का दौर शुरू हो जाएगा। इनमें से एक लीला का मंचन बॉलीवुड के सितारे तो दूसरे का राजनेता करेंगे। इतना ही नहीं, एक रामलीला तो सिर्फ तीन घंटे में ही पूरी राम कहानी बयां कर देगी। राजधानी के गली-कूचों से लेकर बड़े पार्कों तक में करीब 300 रामलीलाएं होती हैं और उन दिनों पूरी दिल्ली राममय हो जाती है। राजधानी में कुछ रामलीलाएं देश की आजादी के पहले से हो रहीं हैं और कुछ हाल ही में शुरू हुई हैं। वैसे तो सभी लीलाओं का मंचन पौराणिक कथा के अनुसार ही होता है, लेकिन कुछ लीलाओं में भव्यता को तरजीह दी जाती है। कई आयोजक ज्यादा बजट के साथ काफी भव्य तरीके से रामलीला का आयोजन करते हैं, तो कई सिर्फ सामाजिक जिम्मेदारी निभाने तक ही सीमित रहते हैं।
राजधानी में पिछले 25 साल से हो रही लव-कुश रामलीला का आयोजन इस बार पहले से काफी भव्य तरीके से किया जा रहा है। यह लीला लाल किले के पास होती है। लाल किले के आसपास चार रामलीलाएं होती हैं, लेकिन सबसे ज्यादा भीड़ लव-कुश रामलीला में ही होती है। इसकी वजह है कि यहां के आयोजक हर साल कुछ न कुछ नया करते हैं, जो लोगों को काफी आकर्षित करता है। इस बार यहां की रामलीला में बॉलीवुड के 51 कलाकार विभिन्न पात्रों की भूमिका निभाएंगे। इन कलाकारों में रजा मुराद, पुनीत इस्सर, रितु शिवपुरी, रवि किशन, असरानी, शक्ति कपूर, गजेंद्र चौहान, हिमानी शिवपुरी, रंजीत, और मनोज प्रभाकर शामिल हैं। लव-कुश रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल के मुताबिक, उनकी लीला हर साल कुछ न कुछ नया करती है। इसीलिए पूरे एशिया में उनकी कमेटी की रामलीला को ही सबसे बड़ा माना जाता है। अग्रवाल का कहना है कि वे रामलीला की कथा में कोई भी बदलाव नहीं करते हैं, बस उसके आयोजन और प्रदर्शन को बेहतर करते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में प्रत्येक क्षेत्र में नई तकनीक आ रही है और हर जगह आधुनिकीकरण हो रहा है। ऐसे में हमारी प्राचीन संस्कृति की देन रामलीला के मंचन में भी नई तकनीक को अपनाया जाना चाहिए।
अग्रवाल के मुताबिक, इस बार उन्होंने बॉलीवुड के कई सितारों से लीला का मंचन करने की गुजारिश की। उन्होंने कहा कि देश में होने वाली किसी भी रामलीला के इतिहास में यह पहली बार होगा, जब फिल्मी कलाकार रामलीला के मंच पर किरदारों को जीवंत करेंगे। इन कलाकारों ने अभी से अपनी भूमिकाओं की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इनमें गुरलीन चोपड़ा सीता का, गगन मलिक राम का, पुनीत इस्सर रावण का, पंकज धीर दशरथ का, आर्य बब्बर नारद का, रजा मुराद जनक का, सांसद मनोज तिवारी अंगद का और रवि किशन केवट की भूमिका अदा करेंगे। पूर्वी दिल्ली की श्री रामलीला कमेटी इंद्रप्रस्थ की ओर से पटपड़गंज में होने वाली रामलीला अब तक दशहरे के दिन रावण परिवार के चार पुतलों को जलाने के लिए मशहूर थी।
यहां की रामलीला हर साल चौथे पुतले के रूप में किसी न किसी सामाजिक बुराई का पुतला जलाती है। यही चौथा पुतला सबसे पहले जलाया जाता है।
चौथा पुतला कौन सी सामाजिक बुराई का होगा, उसे लेकर आम लोगों के बीच लगातार 9 दिन तक वोटिंग कराई जाती है। जिस सामाजिक बुराई को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं, चौथा पुतला उसी का होता है। इस बार यहां की रामलीला भी कुछ नया करने की तैयारी में है। पूर्वी दिल्ली की दस नगर निगम पार्षद यहां होने वाली रामलीला में कोई न कोई भूमिका निभा रही हैं। इनमें पूर्वी दिल्ली की महापौर सत्या शर्मा और विपक्ष की नेता वरयाम कौर के अलावा लता गुप्ता, सुदेशना जाटव, सरिता चौधरी, संध्या वर्मा, गीता शर्मा और प्रीति शमिल हैं। पूर्वी दिल्ली रामलीला कमेटी के अध्यक्ष सुरेश बिंदल ने कहा कि यह देश की पहली रामलीला होगी, जहां पर पार्षद अभिनेत्रियां बनेंगी। पीतमपुरा में आर्यन हेरिटेज की ओर से दस दिन की रामलीला आयोजित की जाएगी, फर्क सिर्फ इतना होगा कि वह हर दिन सिर्फ तीन घंटे में ही लीला का पूरा मंचन कर देगी।

