जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मार गिराए गए। बुधवार सुबह शुरू हुए मुठभेड़ के दौरान सेना ने अनंतनाग के लालचौक इलाके के उस मकान को भी उड़ा दिया, जिसमें आतंकी छिपे हुए थे। मौके से हथियार समेत आतंकियों के इस्तेमाल के कई सामान बरामद किए गए हैं। दूसरी ओर, आतंकियों के मारे जाने की खबर फैलते ही काडीपोरा, लाजीबल और ची समेत अनंतनाग के विभिन्न इलाकों में पत्थरबाजों-आतंकियों के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गर्इं। इन इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। हालांकि, लोगों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर जुलूस निकाले। हिंसक झड़पों में एक पुलिसकर्मी समेत चार लोग जख्मी हुए हैं। इंटरनेट और बनिहाल-बारामूला रेल सेवा बंद कर दी गई है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना की संयुक्तटीम ने लाल चौक के मेहमान मोहल्ला स्थित मकान को घेर लिया। सेना को मंगलवार देर रात अनंतनाग के लालचौक इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इस पर कार्रवाई करते हुए सेना की 1 राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू कश्मीर पुलिस की एसओजी और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 162वीं बटालियन के जवानों ने तलाशी अभियान शुरू किया। सुरक्षाबलों की सख्त घेराबंदी के बीच मकान में छिपे आतंकियों ने सुबह चार बजे के आसपास जवानों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। सेना ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू करते हुए आतंकियों के मकान को घेर लिया। साढ़े छह घंटे तक चली मुठभेड़ में सेना ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया। दोनों आतंकवादी संगठन लश्कर-त-तैयबा के थे। इनमें से एक की पहचान कुलगाम निवासी बिलाल अहमद डार उर्फ बिन यामीन डार के रूप में हुई है।

26 वर्षीय बिलाल ने 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद जून 2017 में आतंकवाद का रास्ता पकड़ा। वह कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है और लश्कर-ए-तैयबा के संभागीय कमांडर शकूर डार का करीबी था। डार इस महीने मारा गया। अनंतनाग मुठभेड़ से एक दिन पहले जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मंगलवार को एक आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक जवान शहीद हो गया था। श्रीनगर के बटमालू इलाके में गश्त कर रहे दल पर अचानक हुए आतंकी हमले के बाद घायल जवान को अस्पताल ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।