दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत को कोहरे ने अपनी चपेट में ले रखा है। इसकी वजह से ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। कई ट्रेनें 20 से 28 घंटे की देरी से चल रही हैं जबकि कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। देश के अलग-अलग हिस्सों से दिल्ली पहुंचने वाली 115 ट्रेनें देर से चल रही हैं। दिल्ली में 60 ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है। इसके अलावा रेलवे ने शुक्रवार को रिशिड्यूल किए गए 11 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। शनिवार को शिड्यूल 7 ट्रेनों को भी रद्द किया गया है।

कोहरे की वजह से विमानों की आवाजाही पर भी बुरा असर पड़ा है। कई विमान देरी से उड़ रही हैं। कोहरे का आलम ये है कि सुबह दिल्ली के कई जगहों पर विजिविलिटी 100 से 200 मीटर दर्ज की गई। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार में भी कोहरे का कहर जारी है। ठंड की वजह से भी लोग परेशान हैं। चंडीगढ़ में कोहरे की वजह से सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई।

मौसम विभाग के मुताबिक कोहरे का कहर अभी कुछ दिन और रह सकता है। दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद में प्रशासन ने सरकारी और प्राइवेट सभी स्कूलों के समय में बदलाव किया है। स्कूलों से कहा गया है कि नर्सरी से कक्षा आठ तक के बच्चों को सुबह साढ़े 9 बजे से 3 बजे के बीच ही स्कूल बुलाएं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शीतलहर के मद्देनजर सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलवाने, रैन बसेरे बनवाने और जरूरतमंदों को कम्बल वितरित कराने के निर्देश दिये हैं। बाराबंकी जिले में ठंड लगने और कोहराजनित हादसे में एक-एक व्यक्ति की मौत की खबर है।
मौसम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान वाराणसी, फैजाबाद, कानपुर तथा लखनऊ मण्डलों में विभिन्न स्थानों पर गलन भरी सर्दी पड़ी। इसके अलावा अन्य मण्डलों में न्यूनतम तापमान लगभग सामान्य रहा। इस अवधि में मेरठ राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान 6. 4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। अगले 24 घंटे के दौरान राज्य में अनेक स्थानों पर कोहरा गिरने का अनुमान है। कुछ जगहों पर घना कोहरा भी गिर सकता है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भीषण ठण्ड एवं शीत लहर को देखते हुए गरीबों और निराश्रितों को राहत पहुंचाने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था तथा अस्थायी रैन-बसेरे बनाने और जरूरतमन्दों को कम्बल वितरित कराने के निर्देश दिये हैं। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि अत्यधिक ठण्ड एवं शीतलहरी के कारण किसी की मृत्यु भोजन, वस्त्र, आश्रय एवं चिकित्सा सुविधा के अभाव में नहीं होनी चाहिए। राहत कार्य में किसी भी स्तर पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

अखिलेश ने जिलाधिकारियों को आवश्यकतानुसार अस्थायी आश्रय स्थल संचालित करने के निर्देश भी दिए हैं, जिससे शीत लहर के दौरान निराश्रित एवं भवनहीनों को असुविधा ना हो। उन्होंने जिलाधिकारियों से यह भी अपेक्षा की है कि वे सार्वजनिक स्थानों पर जलाए जा रहे अलावों तथा निराश्रितों को उपलब्ध कराए गये रैन बसेरों में दी जा रही सुविधा की जांच के लिए अधिकारियों की टीम गठित करें।