चार सालों से एक विदेशी महिला की नाक की सर्जरी अटकी हुई थी। दवा और दुआ, कुछ भी काम नहीं आ रहा था। लाख कोशिशों के बाद वह इलाज के लिए भारत आई। डॉक्टरों ने यहां शल्य चिकित्सक महर्षि सुश्रुत के तकरीबन ढाई हजार साल पुराने तरीके अपनाए और उसकी सफल सर्जरी कर नई नाक तैयार की। डॉक्टरों ने महिला के गाल की खाल की मदद से यह नई नाक बनाई।
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, शम्सा खान (24) मूलरूप से अफगानिस्तान की रहने वाली हैं। आतंकी हमले में चार साल पहले उन्हें गोली लग गई थी। वह उस हमले में बाल-बाल बचीं, पर कुछ जख्मों ने उनकी नाक का हुलिया बुरी तरह बिगाड़ दिया था। वह इसके चलते ठीक से सांस भी नहीं ले पाती थीं। यहां तक कि उनकी सूंघने की क्षमता भी चली गई थी।
इलाज की आस में उन्होंने अफगानिस्तान में कई डॉक्टरों के चक्कर लगाए। लेकिन उनके हाथ सिर्फ निराशा ही आई। उन्होंने वहां पर सर्जरी भी कराई, लेकिन वह सफल न हो पाई। ऐसे में उन्होंने बेहतर इलाज के लिए भारत का रुख किया। राजधानी नई दिल्ली स्थित केएएस मेडिकल सेंटर एंड मेडस्पा में उन्हें भर्ती कराया गया। प्लास्टिक सर्जन अजय कश्यप ने एजेंसी से कहा, “यह जटिल मामला था। आधुनिक तरीकों से बात नहीं बनी, तो हमने सुश्रुत की तकनीक से नाक बनाने के लिए गाल से खाल ली।”
उधर, इलाज के बाद शम्सा खास खुश हैं। वह बोलीं, “हमारे यहां गोली चलना व हमले होना आम है। उनमें कुछ मरते हैं तो कुछ बच जाते हैं, जबकि कुछ हालात के कारण मानसिक व शारीरिक ट्रॉमा का शिकार हो बैठते हैं। अंग बेकार हो जाए, जो जिंदगी भयावह हो जाती है। पर अब मुझे खुशी है कि सामान्य जीवन जी सकूंगी।”
कौन थे सुश्रुत?: सुश्रुत को विश्व का पहला शल्य चिकित्सक (सर्जन) माना जाता है। 2500 साल पहले सुझाए उनके सर्जरी के तरीके आज भी सबसे सटीक माने जाते हैं। उन्होंने इसके लिए कुल आठ तरीके बताए थे। उनका नाक और कान की सर्जरी का तरीका काफी बढ़िया माना जाता है। ये सभी उनके नाम से रचित संहिता में दर्ज हैं। 184 अध्याय वाली सुश्रुत संहिता में आठ तरीके की सर्जरी और 1120 प्रकार के रोगों के बारे में बताया गया है। वह, चरक और धन्वंतरि जैसे चिकित्सकों जैसे ही मशहूर रहे हैं।
