Remark on Shivaj Controversy: महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) शुक्रवार को पुलिस सुरक्षा के बीच पुणे अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव के उद्घाटन के लिए पुणे (Pune) पहुंचे थे। इस दौरान उनके काफिले को स्‍वराज संगठन और एनसीपी कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए। प्रदेश के राज्‍यपाल को ये काले झंडे छत्रपति शिवाजी महाराज ( Chhatrapati Shivaji Maharaj) पर उनके द्वारा की गई टिप्‍पणी के विरोध में दिखाए गए हैं। पुणे पुलिस के मुताबिक विरोध कर रहे लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

राज्यपाल के बयान पर छिड़ा है विवाद

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में एनसीपी प्रमुख शरद पवार और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मानद उपाधि देते हुए शिवाजी महाराज को पुराने जमाने का आदर्श बताते हुए विवादित बयान दिया था। उन्होने कहा था कि कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने जमाने के आदर्श हैं। नए जमाने के आदर्श अब नितिन गडकरी हैं।

इस दौरान मंच से बोलते हुए कहा था कि जब हम स्कूल में थे तो हमसे पूछा जाता था कि स्कूल में हमारा रोल मॉडल कौन है। उस समय हम छात्र वही कहते थे जो हमें अच्छा लगता था। यानी कुछ लोग सुभाष चंद्र को पसंद करते थे, कुछ नेहरू को, कुछ गांधीजी को। उनके इस बयान के बाद शिवसेना ने जमकर विरोध जताया था और उद्धव ठाकरे समेत अन्‍य विपक्षी नेताओं ने कोश्‍यारी को राज्‍यपाल पद से हटाने की मांग की थी।

इसके साथ ही शिवाजी महाराज का अपमान करने पर महाराष्‍ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार की आलोचना भी की गयी थी कि वह इसपर खामोश हैं।

शिवसेना (उद्धव गुट) कर रहा राज्यपाल को हटाने की मांग

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बाद शिवसेना ने उनके इस बयान की कड़ी आलोचना की थी। उद्धव गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि राज्यपाल महोदय ने हमेशा महापुरुषों को अपमानित करने का काम किया है। इन्हें तत्काल महाराष्ट्र के बाहर भेज देना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के न सिर्फ आराध्य देव हैं बल्कि हम सबके प्रेरणास्रोत हैं।

महाराष्ट्र राज्यपाल का विवादित बयान, शिवसेना और कांग्रेस ने हटाने की मांग, देखें Video

वह हमेशा हम सबके हीरो रहेंगे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदय की मान ले तो भगवान राम और भगवान कृष्ण भी पुराने हो गए हैं। तो क्या हम नए भगवान को चुन लें? उन्होंने कहा कि राज्यपाल का बयान सर्वथा निंदनीय है।

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