हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) विवाद मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कश्मीर जाकर हनुमान चालीसा पढ़ने की चुनौती को अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने स्वीकार कर लिया है। नवनीत राणा ने महाराष्ट्र के सीएम की चुनौती स्वीकार करते हुए कहा कि अगर सीएम उद्धव ठाकरे ये समझते हैं कि कश्मीर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करना मुश्किल है तो वे वहां जरूर जाऊंगी और हनुमान चालीसा का पाठ करेंगी। सीएम उद्धव ठाकरे की औरंगाबाद रैली के बाद नवनीत राणा ने उनको लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

एबीपी न्यूज से बात करते हुए अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने कहा कि सीएम कहते हैं कि मंदिर में जाना जरूरी नहीं है, हनुमान चालीसा पढ़ना जरूरी नहीं है। तो वे कैसे कहते हैं कि हिंदुत्व को दर्शाते हैं। नवनीत राणा ने सीएम उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि औरंगाबाद की जनता पानी के लिए परेशान है लेकिन मुख्यमंत्री ने इसपर कुछ नहीं कहा।

निर्दलीय सांसद ने कहा, “औरंगाबाद में संबोधन के दौरान सीएम उद्धव ठाकरे वहां की जनता की परेशानियों पर बात करने के बजाय मुझे कश्मीर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने की चुनौती दे रहे थे। इस सभा में उन्होंने औरंगाबाद की जनता की परेशानियों को लेकर कोई बात नहीं की।” उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और अगर सीएम ये समझते हैं कि वहां हनुमान चालीसा पढ़ना मुश्किल है तो मैं वहां जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करूंगी।

नवनीत राणा और उनके पति की पिछले महीने हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को इसी साल 23 अप्रैल को सीएम उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के ऐलान के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में वो पांच मई को जेल से बाहर आई थीं। वहीं, एक बार फिर हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे की चुनौती को नवनीत राणा ने स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद महाराष्ट्र का सियासी पारा चढ़ता दिखाई दे रहा है।