पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पटियाला से आम आदमी पार्टी के सांसद धर्मवीर गांधी द्वारा राज्य में अफीम और इससे बने सामानों की खेती, बिक्री और सेवन के लीगल करने के बयान का समर्थन किया है। रविवार (30 सितंबर) को एनजीओ नोबल फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में सिद्धू ने कहा, “मैं गांधी द्वारा राज्य में अफीम की खेती को लीगल करने की मांग की सराहना करता हूं। मेरे चाचा को अस्पताल से दवा के रूप में अफीम लेते हैं। यह हेरोइन से कई गुना बेहतर है। शिरोमनी अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी कहा है कि हेरोइन की वजह से अभिभावकों को अपने बच्चे का शव देखना पड़ा रहा है।” मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिद्धू ने शिरोमणी अकाली दल के पूर्व नेता सुखदेव सिंह ढ़ीनसा, जिन्होंने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया, का संदर्भ देते हुए कहा कि, “ढ़ीनसा का इस्तीफा इस बात का नतीजा है कि बादल और पूर्ववर्ती सरकार के खिलाफ लोगों में आक्रोश है।” बता दें कि ढ़ीनसा ने भी अफीम की खेती का समर्थन किया था।
इससे पहले आप के निलंबित सांसद ने शनिवार (29 सितंबर) को मुक्तसर अनाज मंडी में एक रैली के दौरान अफीम की खेती को लीगल करने की वकालत की थी। इस साल जुलाई महीने में गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को इस बाबत एक ज्ञापन भी सौंपा था। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की तुलना महाभारत के धृतराष्ट्र से करते हुए सिद्धू ने कहा, “बादल अपने बेटे सुखबीर के अलावा और किसी को नहीं देख सकते, जैसे की धृतराष्ट्र दुर्योद्धन के अलावा और किसी को नहीं देख सकते थे। बादल और मजीठिया ने राज्य की छवी को धूमिल किया है।”
‘पेट्रोल-डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए’ के सवाल पर सिद्धू ने कहा, “केंद्र सरकार तेल की कीमतें कम नहीं कर रही है, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल की अपेक्षा वर्तमान में इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमत में काफी कमी आयी है। यदि इसे जीएसटी के तहत लाया जाता है तो इसकी कीमत 45 रुपये के आसपास आ जाएगी।” बता दें कि इससे पहले राज्य में ड्रग्स पर लगाम लगाने के लिए पंजाब सरकार ने पुलिसकर्मियों सहित सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए डोप टेस्ट अनिवार्य कर दिया है।