पूर्वोत्तर के राज्य सिक्किम में एक बार फिर कुदरत का कर देखने को मिला है। सिक्किम के पश्चिमी यागसांग क्षेत्र में बुधवार देर रात लैंडस्लाइड हुआ था। उस भूस्खलन में चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, तीन लापता बताए जा रहे हैं। इस भूस्खलन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल चल रहा है।

लैंडस्लाइड के तुरंत बाद पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से पेड़ की लकड़ियों से एक अस्थाई पुल का निर्माण कर दो महिलाओं का रेस्क्यू किया था। लेकिन अस्पताल पहुंचते-पहुंचते एक महिला की मौत हो गई, वही एक गंभीर रूप से घायल बताई जा रही हैं।

अब यह कोई पहली बार नहीं है जब सिक्किम में मौसम की मार इस तरह से देखने को मिल रही है। पिछले कुछ सालों से लगातार इन्हीं महीना में सिक्किम में भारी तबाही देखने को मिलती है। कभी बादल तो कभी ग्लेशियर फटने की वजह से बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है।

मौसम के जानकार क्या बताते हैं?

2023 में सिक्किम के लाचेन में भी भारी तबाही देखने को मिली थी, ग्लेशियर फटने की वजह से कई पर्यटक वहां फंस गए थे, जवानों की मौत भी हुई थी। वैसे कुछ महीने पहले जनसत्ता ने सिक्किम को लेकर ही मौसम विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर गोपी नाथ से खास बातचीत की थी। उनसे समझने का प्रयास रहा था कि आखिर सिक्किम के साथ ये सबकुछ क्यों हो रहा है, बारिश तो दूसरी जगह भी होती है, कभी कम कभी ज्यादा देखने को मिलती है, लेकिन ऐसी बर्बादी क्यों?

डॉक्टर गोपी नाथ के मुताबिक सिर्फ ज्यादा एक दिन में ज्यादा बारिश होने से लैंडस्लाइड वाली स्थिति नहीं बनती है, इसी सीधे तरीके से ऐसी प्राकृतिक आपदा के लिए जिम्मेदार भी नहीं माना जा सकता है। वे जोर देकर कहते हैं कि अगर तीन से चार सेंटीमटर भी बारिश लगातार होती रहेगी तो उस स्थिति में भी उसका जो कुल प्रभाव होगा, वो ज्यादा देखने को मिल सकता है, नुकसान की पूरी संभावना है।