प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि बुनियादी ढांचे के तीव्र विस्तार और उन्नयन के बिना भारत की प्रगति अधूरी है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार तीव्र गति और बड़े पैमाने के साथ काम करने का प्रयास कर रही है ताकि देश ऐतिहासिक वृद्धि के दौर में प्रवेश कर सके। मोदी ने कल प्रमुख ढांचागत क्षेत्रों में प्रगति की सोमवार को उच्च स्तरीय समीक्षा की। उनके अनुसार यह दर्ज किया गया कि नवीकरणीय ऊर्जा व रेलवे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। एक बयान में मोदी ने कहा कि मुख्य बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की प्रगति की समीक्षा के लिए 22 अगस्त, 2016 को एक लंबी बैठक हुई। मैं अकसर ऐसी बैठकें करता रहता हूं क्योंकि हमारे मूल बुनियादी ढांचे के विस्तार और उन्नयन के बिना भारत की प्रगति अधूरी है। उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा विशेष है। हमारे सतत प्रयास, गति और पैमाने पर आधारित है जोकि ऐतिहासिक वृद्धि के युग की शुरुआत कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत की गाथा लचीलेपन के बारे में भी है। जब वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर और मंद हो रही है, भारत उम्मीद की किरण है। उन्होंने कहा कि देश में कारोबार करना अब पहले की तुलना में बहुत आसान हो गया है। बड़े स्तर का भ्रष्टाचार व बाधाएं अब इतिहास की बातें हो गई हैं। देश लगातार दो साल सूखे से प्रभावित रहा है लेकिन कृषि पैदावार में कोई गिरावट नहीं आई है। हमारे किसानों को उनकी फसल के लिए विस्तृत बाजार और अधिक धन उपलब्ध कराने के हमारे प्रयास जारी रहेंगे।
मोदी ने कहा- मुझे भरोसा है कि हम इस प्रगति को जारी रखेंगे और भारत के रूपांतरण के अपने लक्ष्य को हासिल करेंगे। सोमवार की बैठक के विभिन्न मुद्दों का जिक्र करते हुए मोदी ने नई व नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की बात की और कहा कि संस्थापित क्षमता 44000 मेगावाट के ऊपर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य नीतियों के तहत विभिन्न परियोजनाओं को पूरा किया गया है। सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिए भावी राह पर भी चर्चा हुई। विमानन क्षेत्र में हमने हमारे हवाई अड्डों पर सुरक्षा, कनेक्टिविटी व ग्राहक संतुष्टि बढ़ाने पर व्यापक विचार-विमर्श किया।
उन्होंने कहा कि और अधिक छोटे कस्बों के संपर्क होने से वहां के लोगों के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे इसलिए क्षेत्रीय संपर्क अहम है। आपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत के आठ हवाई अड्डों को विभिन्न श्रेणियों में विश्व के बेहतरीन हवाई अड्डों में रखा गया है। जहां तक रेलवे का सवाल है तो इसने दैनिक यात्रीी आवागमन का अपना लक्ष्य हासिल किया है। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बिना फाटक वाले 40 रेल क्रासिंगों को खत्म कर दिया गया है। सुरक्षा पहलू को देखते हुए यह अहम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी बंदरगाह पर आधारित विकास का युग होगी। भारत को अपनी क्षमताओं के समुचित दोहन के लिए हमारे यहां विश्व स्तरीय बंदरगाह होेने चाहिए जोकि भारत को व्यापार व वाणिज्य का केंद्र बना सकें और जो मेक इन इंडिया उत्पादों के त्वरित निर्यात में सक्षम हों। आवास क्षेत्र के बारे में मोदी ने कहा कि सरकार इसका महत्त्व पूरी तरह समझती है, विशेषकर गरीबों व नवमध्यम वर्ग की आवास जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से। इसीलिए मौजदूा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ग्रामीण आवास क्षेत्र में 6.94 लाख ग्रामीण मकान पूर किए गए हैं जबकि लक्ष्य छह लाख मकान का था। समीक्षा बैठक में डीबीटी योजना, एलईडी बल्ब वितरण और पेट्रोेल में एथेनाल मिश्रण को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों सहित कई विषयों पर भी चर्चा हुई।

