प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत को सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए स्वदेश रक्षा उत्पादन पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यदि भारत को अपने सशस्त्रबलों की जरूरत के मुताबिक, सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना है तो हमें अपने हथियार खुद ही बनाने होंगे।
जिले के बिदरहल्ला कवाल में एचएएल में 5000 करोड़ रुपए की ग्रीनफील्ड हेलिकॉप्टर प्रोजेक्ट की बुनियाद रखते हुए मोदी ने कहा कि सरकार देश के वैज्ञानिकों और अभियंताओं के नेतृत्व में रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा दे रही है। कार्यक्रम में विशाल जनसमुदाय में मोदी ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल देश के लिए कोई भी बलिदान करने को तैयार है और उनका कोई विकल्प नहीं है, ‘लेकिन यह सुनिश्चित करने का समय अब आ गया है कि वे जो हथियार लेकर चलते हैं और इस्तेमाल करते हैं, वे भी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हों’।
मोदी ने कहा, ‘हम अपने सशस्त्र बलों को लैस करने के लिए दूसरे देशों से हथियार आयात करते हैं। भारत न केवल करोड़ों रुपए खर्च करता है बल्कि उसे अपेक्षाकृत नवीनतम प्रौद्योगिकी भी नहीं मिलती है’। मोदी ने कहा, ‘हम कहते हैं कि जो आर्डर दिया गया है, उसका बाकी हिस्सा हम तभी खरीदेंगे जब उसका विनिर्माण भारत में हो’। उन्होंने कहा, ‘भारतीय सशस्त्र बल किसी से कम नहीं होना चाहिए। उसका आयुध भी किसी से कम नहीं होना चाहिए’।
एचएएल हेलिकॉप्टर प्रोजेक्ट को भारत को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में नया प्रयास करार देते हुए मोदी ने कहा कि वे चाहते हैं कि इस संयंत्र से पहला पूर्ण स्वदेशी विनिर्मित हेलिकॉप्टर 2018 तक सामने आ जाए। उन्होंने कहा, ‘मेरा एक दूसरा सपना है कि पहला हेलिकॉप्टर बनने के 15 सालों के अंदर यहां से 600 हेलिकॉप्टर सशस्त्र बलों और सरकार के पास देश के हित में पहुंचे’।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना से तुमाकुरू जिले में बड़ा निवेश होगा और प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 4000 नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने सभा से कहा, ‘जो यहां स्थापित हो रहा है वह कोई साधारण फैक्टरी नहीं है बल्कि जल्दी ही यह जिला विश्व के मानचित्र पर आ जाएगा’।
इस संयंत्र के लिए कर्नाटक सरकार ने 610 एकड़ जमीन दी है। यहां उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर ध्रुव, 5.5 टन वर्ग के बहुद्देश्यीय नई पीढ़ी के हेलिकॉप्टर भी बनेंगे। एचएएल समेकित टाउनशिप भी लगाएगा। एचएएल अध्यक्ष और प्रबंधक सुवर्ण राजू के मुताबिक, यह संयंत्र हेलिकॉप्टर के क्षेत्र में देश की विमानन क्षमता को पर लगाएगा और 10 टन श्रेणी के हेलिकॉप्टरों का निर्माण करेगा।
वहीं बंगलुरु से करीब 30 किलोमीटर दूर जिगनी में ‘इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आॅन फ्रंटियर्स इन योगा रिसर्च एंड इट्स ऐप्लीकेशंस’ का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य पेशेवरों, नीति-निर्माताओं, सरकारी संगठनों और उद्योगों से कहा कि वे औषधि प्रणालियों के विभिन्न स्वरूपों के बीच की खाई को पाटने का काम करें। विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान डीम्ड यूनिवर्सिटी में मोदी ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि आप योग और परंपरागत भारतीय औषधि को हमारी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में अधिक एकीकृत करने का काम करेंगे’।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘स्वास्थ्य देखभाल के लिए मेरी सोच एक ऐसी एकीकृत प्रणाली है जो विभिन्न परंपराओं के सर्वश्रेष्ठ और सबसे ज्यादा प्रभावी स्वरूप को समझे और उसका निर्माण करे’। मोदी ने कहा कि औषधि की आधुनिक प्रणालियों ने स्वास्थ्य देखभाल, बीमारियों की जांच, उसे पता लगाने और उसके इलाज के तौर-तरीकों को बदल दिया है और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल ने स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच हासिल करने की बाधाएं कम कर दी हैं। उन्होंने कहा कि इससे बीमारी के स्वरूपों की समझ विकसित करने में सुधार हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि औषधियों और टीकों में सफलता से भी कई बीमारियों पर जीत हासिल करने और उन पर काबू पाने में मदद मिली है। लेकिन, इसकी सीमा और इसके दुष्प्रभावों के प्रति जैसे-जैसे हमारी समझ बढ़ी है, आधुनिक औषधि प्रणालियों की बढ़ती लागत का जैसे-जैसे हमने अनुभव किया है, हमने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों की भी आधुनिक औषधि प्रणालियों की तरफ देखना शुरू कर दिया है’।
उन्होंने कहा, ‘उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है। योग अब एक वैश्विक धरोहर है। और दुनिया बड़े उत्साह के साथ परंपरागत औषधि प्रणाली को गले लगा रही है’। मोदी ने कहा कि संस्कृतियों और भूगोल से परे जाकर लोग अब ज्यादा से ज्यादा योग कर रहे हैं ताकि अपने अंतर्मन और बाहरी संसार के बीच, अपने अस्तित्व और पर्यावरण के बीच एकात्म स्थापित कर सकें। प्रधानमंत्री ने अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा कि गैर-संक्रामक रोगों और मानसिक स्वास्थ्य की स्थितियों के कारण भारत 2030 से पहले 4.58 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की धनराशि गंवाएगा।
उन्होंने कहा, ‘जब हम अपने भौतिक एवं शारीरिक जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं तो हमारे अस्तित्व की मनोवैज्ञानिक दशा के सवाल को निश्चित तौर पर संबोधित किया जाना चाहिए’। मोदी ने कहा, ‘यहां पर योग की भूमिका सर्वोपरि है। पूरी दुनिया में योग की वजह से बदली हुई जिंदगी और ताजा हुई उम्मीदों की कहानियां पसरी हुई हैं। श्री अरविंदो की यह भविष्यवाणी कि भारतीय योग संभवत: मानवता के भविष्य के जीवन के इन गतिशील तत्त्वों में से एक है, सच हो रही है’।
हमें खुद बनाने होंगे अपने हथियार: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत को सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए स्वदेश रक्षा उत्पादन पर ध्यान देना चाहिए।
Written by भाषा
तुमाकुरू /बंगलुरु (कर्नाटक)

Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा अपडेट समाचार (Newsupdate News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
First published on: 04-01-2016 at 00:59 IST