संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में नक्सल प्रभावित इलाके दंतेवाड़ा से ऑल इंडिया रैंकिंग में 12वां स्थान प्राप्त कर नम्रता जैन ने मिसाल कायम की है। नम्रता शुरू से ही सिविल सेवा की परीक्षा को पास करने का सपना देखती थीं। दंतेवाड़ा जैसे पिछड़े इलाके में पली-बढ़ी नम्रता के लिए यह सपना इतना आसान नहीं था। वहीं बिलासपुर के वर्णित नेगी ने भी 13वीं रैंक हासिल कर इलाके का नाम रोशन किया है।

अच्छी रैंकिंग के लिए लगातार देती रहीं परीक्षाः रिपोर्ट्स के मुताबिक 2016 में हुई यूपीएससी परीक्षा में नम्रता को 99वां स्थान मिला था। इसमें पास करने के बाद उनको आईपीएस अवॉर्ड दिया गया था, लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं थीं। वहीं अच्छी रैंकिंग पाने के लिए उन्होंने 2017 में भी कोशिश की थी पर उन्हें कामयाबी नहीं मिली। नम्रता लगातार कुछ वर्षों से अच्छी रैंक के लिए परीक्षा दे रहीं थी पर उन्हें 2018 में जबर्दस्त सफलता मिली और उन्होंने 12वां स्थान प्राप्त कर पूरे राज्य और परिवार वालों का नाम रोशन किया है।

इंजीनियरिंग के बाद सिविल सेवा परीक्षाः बचपन से पढ़ाई की शौकीन नम्रता को हाई स्कूल की पढ़ाई के लिए दुर्ग जाना पड़ा था। नम्रता ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की और आगे पढ़ाई के लिए भिलाई चली गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक नम्रता ने इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग करने के बाद दिल्ली से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं इस परीक्षा में पास होने पर बहुत खुश हूं। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए सपने के साकार होने जैसा है।’

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छत्तीसगढ़ सीएम ने दी बधाईः राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ‘लोक सेवा आयोग में डंका बजाने वाली छत्तीसगढ़ की बेटी नम्रता जैन और बेटे वर्णित नेगी को बहुत बधाई। दंतेवाड़ा की नम्रता ने देशभर में 12वां और बिलासपुर के वर्णित नेगी ने 13वां स्थान हासिल किया है। मैं दोनों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।’ वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने नम्रता को बधाई देते हुए कहा, ‘दंतेवाड़ा की नम्रता का आईएएस के लिए चयन होना इस क्षेत्र में नए युग के सूर्योदय का संकेत है। शाबाश नम्रता! आपने न सिर्फ अपने माता-पिता बल्कि पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है। आपकी सफलता पर हम सभी को गर्व है।’ वहीं नम्रता के रिश्तेदार सुरेश जैन ने कहा, ‘वह अपने स्कूल और कॉलेज के समय से ही बहुत पढ़ाकू रही है। हम सभी जानते थे कि एक दिन वह सिविल सेवा परीक्षा पास करेगी।’