मुजफ्फरनगर शहर में शनिवार को दो समुदायों के सदस्यों के मध्य हुए पथराव और फिर संबंधित मामले में नौ लोगों की गिरफ्तारी के बाद यहां के नया बांस इलाके में शुक्रवार (18 मार्च) को तनाव का माहौल रहा। कुछ मुस्लिम युवकों द्वारा कॉलेज जा रही है हिन्दू महिला को कथित तौर पर छेड़ने के बाद समुदायों में झगड़ा शुरू हुआ।

हालांकि स्थानीय मुस्लिम निवासी ने मुस्लिम युवकों पर उत्पीड़न के आरोपों से इंकार किया है। एक समूह का कहना है कि वहां सिर्फ गुब्बारा फेंकने की वजह से धक्का-मुक्की हुई थी, जबकि दूसरे समूदाय का दावा है कि महिला के साथ छेड़खानी हुई। मुजफ्फरनगर के एसएसपी के.बी.सिंह के मुताबिक, घटनास्थल पर पुलिस के पहुंचने से कुछ मिनट पहले ही दोनों समूहों में भारी पथराव हो चुका था और हमने वहां की स्थिति को नियंत्रण में किया। पत्थरबाजी में किसी को गंभीर चोट नहीं आई है। हिंसा का एक केस रजिस्टर किया गया है और संबंधित मामले में 9 गिरफ्तार हुए हैं।

कॉलोनी के निवासी और स्थानीय भाजपा विधायक ने कथित तौर पर आरोप लगाया कि पुलिस ने आरोपियों के साथ महिला के परिवार के सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है, जो कि पुलिस के पास एफआईआर दर्ज कराने गई थी। उन्होंने कहा, महिला के रिश्तेदार और मुख्य आरोपी के भाई को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया और शुक्रवार सुबह को छोड़ दिया गया।

मुजफ्फरनगर विधायक कपिल देव ने शुक्रवार को इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि महिला के रिश्तेदारों को गिरफ्तार करने के बाद, कुछ महिलाओं के साथ कई स्थानीय लोग पुलिस स्टेशन पहुंचे और उन्हें छोड़ने की मांग की। उन्होंने कथित तौर पर आरोप लगाया किया कि उनकी मांगों को सुनने की बजाय पुलिस ने उनपर लाठीचार्च कर दिया।

महिला के छोटे भाई के अनुसार, कॉलोनी रहने वाले मुस्लिम युवकों का एक समूह नियमित रूप से उसे परेशान करता था। उसने दावा किया, “बुधवार (16 मार्च) सुबह उसने महिला ने मुझे बुलाया और कहा कि उसके साथ फिर छेड़खानी की गई। मैं वहां जाकर उनका विरोध किया, हाथापाई हुई, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा। उसने (महिला के भाई ने) दावा किया, “गुरुवार (17 मार्च) को मुख्य आरोपी और उसके बीच लड़ाई हुई जिसमें हमारे दोस्तों ने साथ दिया। दूसरे समूह ने कुछ गोलियां भी चलाईं, उन्होंने हमारे ऊपर ईंट फेंकना शुरू किया, फिर हमने भी जवाबी हमला किया।” महिला के भाई ने कहा कि वह भी उनलोगों में शामिल था जिसे घटना के बाद पुलिस गुरुवार (17 मार्च) को पुलिस उठाकर थाने ले गई और अगले दिन शुक्रवार को सुबह छोड़ दिया गया।