हरियाणा पुलिस ने सोमवार को यहां पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट को बताया कि एक फरीदाबाद वासी और एक एनआरआइ की ओर से इलेक्ट्रॉनिक चैनल के मार्फत सौंपी गई दो अज्ञात चिट्ठियां मिलने के बाद मुरथल में कथित सामूहिक दुष्कर्म कांड की जांच के लिए गठित एसआइटी ने संबंधित एफआइआर में सामूहिक दुष्कर्म की धारा 376डी भी जोड़ दी है। अदालत को यह जानकारी एसआइटी प्रमुख आइजी ममता सिंह ने दी।
इसके साथ ही जस्टिस एसएस सरों की अगुवाई वाले खंडपीठ ने भी सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह की अगुवाई वाली समिति की वैधता के साथ-साथ हरियाणा में हालिया जाट आंदोलन के दौरान उपजी हिंसा से निपटने की दिशा में पुलिस और प्रशासन द्वारा की गई पहल पर सवाल उठाए, जब प्रदेश सरकार ने जम्मू-कश्मीर के सेवानिवृत्त चीफ जस्टिस एसएन झा की अगुवाई में न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था।
जाट आंदोलन के दौरान जजों की सुरक्षा के बारे में अपनी रिपोर्ट सौंप चुके रोहतक और जींद के जिला न्यायाधीशों को छोड़ कर अदालत ने सोमवार को सोनीपत, झज्जर, भिवानी, कैथल और हिसार के जिला न्यायाधीशों को भी रिपोर्ट देने के निर्देश जारी कर दिए। अदालत में मौजूद झज्जर की उपायुक्त अनीता यादव को भी हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान कानून-व्यवस्था के तथ्यों के संदर्भ में हलफनामा दायर करने को कहा। प्रदेश सरकार को ऐसे तमाम मामलों में अब तक की गई जांच-पड़ताल के बारे में ताजा रिपोर्ट दायर करने को भी कहा गया है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) ने हाई कोर्ट को बताया कि प्रदेश में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान आगजनी और लूटपाट के कुल 2,120 मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने बताया कि आज तक 470 लोगों को हिरासत में लिया गया है, 2,116 मामलों में जांच जारी है जबकि चार मामले अदालत में विचाराधीन हैं। अब इस मामले की सुनवाई 4 मई, 2016 को होगी।