मुंबई के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में फीस जमा ना करने पर एक छात्र को क्लास के बाहर फर्श पर चार महीने तक बिठाए जाने का मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए स्कूल के प्रिंसिपल और दो अध्यापकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। छात्र की 7,500 रुपये फीस लंबित थी उसके माता-पिता स्कूल की फीस जमा नहीं करवा पाए। आरोप है कि फीस का भुगतान ना होने के कारण छात्र को 4 महीने तक क्लास के बाहर फर्श पर बैठाया गया।

छात्र की मां ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई, जिस पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली। महिला ने अपनी शिकायत में बच्चे के मानसिक और शारीरित उत्पीड़न आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका एक और बच्चा भी स्कूल में पढ़ता है, वह उसकी फीस भी जमा नहीं करवा सके। इसे लेकर हेड मास्टर ने उसको अपशब्द कहे और उसके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया।

महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि वह नियमित रूप से अपने बच्चों की फीस जमा करती थीं, लेकिन उनके पति तपेदिक से बीमार हैं, जिस वजह से काम पर नहीं जा रहे हैं। इस वजह से परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। महिला ने यह भी कहा कि स्कूल के शिक्षकों ने उसके आठवीं कक्षा के बेटे को कक्षा में नहीं आने दिया और उसे चार महीने तक बाहर फर्श पर बैठाया। महिला ने अपने बयान में कहा कि अन्य बच्चों के सामने भी उनका अपमान किया गया और उनके बच्चों से कहा गया कि तुम्हें जो भी पढ़ना और सीखना है वो तुम क्लास के बाहर बैठकर सीख सकते हो।

महिला ने कहा, “मेरा बच्चा क्लास के बाहर बैठकर पढ़ाई कर रहा है, जिस वजह से उसे अपमानित महसूस हुआ। इसके चलते वह मानसिक रूप से तनावग्रस्त महसूस करने लगा है और वह स्कूल नहीं जाना चाहता है। एक शिक्षक ने फीस न देने पर मेरे बच्चे को ताना मारा और परिणामस्वरूप, वह घर पर रोता रहता है। उसकी मानसिक स्थिति चिंताजनक है। उसे जनवरी में यूनिट टेस्ट देने की अनुमति नहीं दी गई थी।”

महिला का आरोप है कि जब वह स्कूल में शिक्षकों से मिली तो उससे कहा गया कि अगर वह अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में सक्षम नहीं है तो वह उन्हें नगर निगम के स्कूल में पढ़ाए। महिला ने कहा कि उसे बताया गया था कि जब तक फीस नहीं दी जाती स्कूल उसके बेटे को वार्षिक परीक्षा में नहीं बैठने देगा। आठवीं कक्षा के छात्र की 7,500 रुपये फीस बकाया थी, वहीं दूसरी कक्षा के छात्र की 19,000 रुपये फीस का भुगतान किया जाना था।

पुलिस ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2000 की धारा 23 (किशोर या बच्चे के प्रति क्रूरता) के तहत मामला दर्ज किया है। डीसीपी (जोन 8) दीक्षित गेदाम ने कहा, “मां द्वारा दायर शिकायत के आधार पर , हमने स्कूल से तीन व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हम उसके आरोपों की पुष्टि कर रहे हैं और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे।”

शिकायत के अनुसार, महिला अपने पति, ससुराल और चार बच्चों के साथ रहती है। उसके बच्चों की उम्र 13, 12, 11 और 6 साल है। तीन बच्चे सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ते हैं।