मुंबई की एक स्पेशल अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि यौन इच्छा के बिना बच्चों के गाल को छूना Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act, 2012 के तहत अपराध नहीं है। अदालत ने इस मामले में 29 साल के इलेक्ट्रिशियन को बरी कर दिया है। युवक पर 5 साल की लड़की से यौन अपराध का इल्जाम था। घटना के बारे में बताया जा रहा है कि 2 जून, 2017 को यह इलेक्ट्रिशियन महिला के घर रेफ्रिजेरेटर के मरम्मत के लिए गया था। उस वक्त महिला और उसकी नाबालिग बेटी घर पर ही थे जबकि उसके पति काम से बाहर गए थे। बताया जा रहा है कि इलेक्ट्रिशियन ने पांच साल की छोटी बच्ची के गाल छुए। महिला ने उस वक्त इलेक्ट्रिशियन को डांटा औऱ अपना काम करने के लिए कहा। इसके बाद वो अपने रसोईघर में चली गईं।

‘Times Of India’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद इलेक्ट्रिशियन ने महिला के साथ गंदी हरकत थी। इसपर महिला ने इलेक्ट्रिशियन को धक्का भी दिया था। इसके बाद महिला ने उसके सुपरवाइजर से उसकी शिकायत की थी और अपनी बहन को भी इस घटना के बारे में बताया था। इस दौरान पुलिस को भी सूचित किया गया था और पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।

33 वर्षीय महिला की याचिका पर सुनवाई के बाद, अदालत ने आरोपी को मां को यौन उत्पीड़न के आरोप में एक साल कैद की सजा सुनाई, लेकिन बच्चे से छेड़छाड़ के आरोप में अदालत ने उसे यह कहते हुए बरी कर दिया कि बच्चे को छूने के गाल को छूने का कार्य कोई अपराध नहीं था।

“अभियोजन के लिए यह उचित संदेह से परे अभियुक्त के खिलाफ अपराध साबित करने के लिए है। यहां तक ​​कि मां की गवाही को देखते हुए, जैसा कि अभी भी है, अभियुक्तों की ओर से ऐसा कोई ओवरट एक्ट नहीं है, जिसे पीड़ित लड़की के साथ यौन शोषण या उसकी विनम्रता को अपमानजनक करार दिया जा सकता है। ” विशेष अदालत ने फैसला सुनाया।