मैकेनिकल ब्रांच में इंजीनियरिंग कर रहे हिंमाशु शुक्ला का सलेक्शन विदेशी कंपनी एयरबस में हो गया है। हिंमाशु इस बात से काफी खुश हैं। वहीं कंपनी ने उन्हें पचास लाख रुपए का पैकेज ऑफर किया है। इस पूरे मामले पर हिंमाशु कहते हैं कि वो कई बार दूसरी कंपनियों से रिजेक्ट हुए हैं। उन्होंने बताया कि जब वो एक बार बोइंग में इंटरव्यू देने के लिए गए थे तब उनसे इंटरव्यू पैनल ने एयरोनॉटिक्स और एविएशन से जुडे कई सवाल पूछ डाले थे। जो उनकी फील्ड से अलग थे। जब हिंमाशु उन सवालों के जवाब नहीं दे सके तो उन्होंने उस विषय को सीखने की कोशिश की और धीरे-धीरे एविएशन और एयरोनॉटिक्स के विषय पर अपनी पकड़ बनाई।
बोइंग कंपनी में इंटरव्यू देने के बाद हिंमाशु ने एयरबस का इंटरव्यू दिया जिसमें उनका सलेक्शन हो गया। जीत कॉलेज में बीटेक फाइनल इयर के स्टूडेंट हिमांशु पढ़ाई के दौरान ही फ्री-लांसिंग करने लगे थे। उन्होंने जापान की एनर्जी कंपनी के लिए एक प्रोजेक्ट पर काम भी किया है। जिसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका गया। हिमांशु के पिता रमेश शुक्ला न्यू इंडिया एश्योरेंस से रिटायर्ड हैं और उनकी मां राधा शुक्ला वार्ड पार्षद हैं। हिंमाशु कहते हैं कि मैंने पढ़ाई के दौरान प्रेक्टिकल एप्लीकेशन पर जोर दिया। इसके लिए फ्री लांसिंग शुरू कर दी थी।
ट्रेन के खराब AC को किया था 30 मिनट में ठीक-
हिंमाशु को शुरू से ही प्रेक्टिकल नॉलेज थी। एक किस्सा सुनाते हुए हिंमाशु कहते हैं कि जब वो एक बार जुलाई में गोवा जा रहे थे तब चलती ट्रेन का एयरकंडीशनर खराब हो गया था। उस दौरान हिंमाशु ने AC को ठीक करने में रेलवे के टेक्नीशियंस की मदद की थी। हिंमाशु कहते हैं कि वो एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट हैं जिसके कारण वो AC को ठीक कर सकते हैं।