माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। मुख्तार अंसारी के जनाजे में भारी भीड़ उमड़ी। हजारों लोग उसके जनाजे में शामिल हुए। इस बीच मुख्तार अंसारी को मिट्टी देने को लेकर गाजीपुर के डीएम आर्यका अखौरी और मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी के बीच तीखी बहस हुई।
दरअसल मुख्तार अंसारी को वहां मौजूद लोग मिट्टी देना चाहते थे और इस पर डीएम ने आपत्ति जाहिर की। डीएम ने कहा कि पूरा कस्बा मिट्टी देने नहीं जा सकता है, केवल परिवार के लोग ही वहां जा सकते हैं और इसकी परमिशन है। इस पर अफजाल अंसारी भड़क गए। अफजाल अंसारी ने कहा कि यह आपकी कृपा पर नहीं है कि कौन मिट्टी देगा? यह आप नहीं तय करेंगे। इस पर डीएम ने कहा कि मैं जिला निर्वाचन अधिकारी हूं और आपने परमिशन नहीं ली है।
अफजाल अंसारी ने कहा कि दुनिया में मिट्टी देने के लिए या अपने धार्मिक प्रयोजन करने के लिए किसी परमिशन की जरूरत नहीं होती है। दुनिया में कहीं इसके लिए परमिशन नहीं ली जाती है।
आर्यका अखौरी ने कहा, “अगर बिना परमिशन के कुछ होता है तो हम विधिक कार्यवाही करेंगे। गाजीपुर में धारा 144 लागू की गई है।” अफजाल ने कहा कि धारा 144 के दौरान भी मिट्टी देने के लिए परमिशन की जरूरत नहीं होती है।
पूरे घटनाक्रम के बाद गाजीपुर की डीएम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जनाजा था तो इसलिए अधिक लोग आते ही लेकिन जिन लोगों ने नारेबाजी की है, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने कहा कि आचार संहिता लगी हुई है ऐसे में नारेबाजी कर उसका उल्लंघन किया गया है। जिन लोगों ने भी नारेबाजी की है, उनकी पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी क्योंकि वीडियोग्राफी भी कराई गई है।
गुरुवार को मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी। उसके बाद परिवार ने आरोप लगाया कि मुख्तार को धीमा जहर दिया गया था, जिसके कारण उसकी तबीयत खराब हुई और मौत हुई है। हालांकि प्रशासन इससे इनकार कर चुका है लेकिन परिवार ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।