मध्य प्रदेश में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस का एक कदम उसके लिए शर्मिंदगी की वजह बन गया। दरअसल, पार्टी ने मंगलवार को पूर्व बीजेपी नेता डॉक्टर गुलाब सिंह किरार को पार्टी में शामिल किया। इस मौके पर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मौजूद था, जिनमें पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा मध्य प्रदेश कांग्रेस के सबसे बड़े दो नेता कमल नाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे। इसके ठीक एक दिन बाद पार्टी को इस बात का एहसास हुआ कि किरार उन नेताओं में से एक है, जिसे कांग्रेस ने व्यापमं घोटाले में शामिल होने के आरोप में तीन साल पहले निशाना बनाया था।
शर्मिंदगी का सामना करने के बाद पार्टी ने इस मामले को दबाने की कोशिश की। कांग्रेस ने पार्टी के आधिकारिक टि्वटर हैंडल से उस ट्वीट को डिलीट कर दिया, जिसमें किरार को पार्टी में शामिल किए जाने का स्वागत किया गया था। पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता ने इस बात से इनकार किया कि गुलाब सिंह ने कांग्रेस जॉइन की है। हालांकि, इस मामले पर कांग्रेस के लिए असमंजस की स्थिति उस वक्त बढ़ गई, जब मध्य प्रदेश में पार्टी के जनरल सेक्रेटरी ने माना कि गुलाब सिंह को पार्टी में लिया गया है। हालांकि, गुलाब सिंह किरार ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, ‘वे लोग जो भी दावा कर रहे हों, लेकिन मैं कांग्रेस के लिए ही काम करूंगा क्योंकि मैं उसका सदस्य हूं।’
वहीं, किरार को पार्टी में शामिल किए जाने को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा, ‘किसी ऐसे शख्स से पल्ला झाड़ने का सवाल ही नहीं उठता, जिसे हमने कभी न अपनाया हो। उन्होंने आधिकारिक तौर पर कांग्रेस जॉइन नहीं की। वह वहां (इंदौर में) लोगों से मिलने के लिए आए थे। वरिष्ठ नेता जब आते हैं तो कौन कौन आया, इस बात पर नजर रखना मुश्किल है।’ वहीं, पार्टी नेता चंद्रप्रभास शेखर ने कहा, ‘डॉ किरार आधिकारिक तौर पर मंगलवार को पार्टी में शामिल हुए।’ जब उन्हें बताया गया कि पार्टी ने इस बात से इनकार किया है, शेखर ने कहा, ‘मुझे इस विषय में फिलहाल शीर्ष नेतृत्व से कोई निर्देश नहीं मिला है।’
हालांकि, सत्ताधारी बीजेपी ने विपक्षी पार्टी को घेरने में देरी नहीं की। पार्टी प्रवक्ता राकेश शर्मा ने कहा, ‘पूरे प्रकरण ने कांग्रेस को एक्सपोज कर दिया है क्योंकि पब्लिसिटी पाने की जल्दी में उसने उन लोगों को शामिल कर लिया जिनका विवादास्पद अतीत रहा है।’ गुलाब सिंह किरार मध्य प्रदेश पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक कल्याण आयोग के पूर्व सदस्य हैं। वह शिवराज सिंह सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। तीन साल पहले उन्हें बीजेपी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। सीबीआई की ओर से दर्ज व्यापमं घोटाले से जुड़ी एक एफआईआर में उनका नाम आने के बाद पार्टी ने यह ऐक्शन लिया था। सीबीआई ने गुलाब सिंह और उनके बेटे पर 2011 में मेडिकल पोस्ट ग्रैजुएट एंट्रेंस एग्जाम में कथित गड़बड़ियों में लिप्त होने का आरोप लगाया था।
किरार कांग्रेस के निशाने पर पहली बार 2015 में उस वक्त आए, जब शिवराज सिंह चौहान ने रायसेन में आयोजित ओबीसी समुदाय के एक कार्यक्रम में दागी नेता के साथ मंच साझा किया। इससे पहले, किरार के खिलाफ व्यापमं मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी थी। उस वक्त विपक्षी पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान की घोटाले के आरोपी से नजदीकी को मुद्दा बनाकर हमला किया।