मध्य प्रदेश के धार में पंचायत चुनाव हारने के बाद कांग्रेस प्रत्याशियों ने कार्यकर्ताओं के साथ नाचकर हौसला अफजाई की। यहां जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए चुनाव हुए थे और दोनों में ही कांग्रेस हार गई। इसके बाद हार पर निराश होने के बजाय कांग्रेसियों ने उसे स्वीकार किया और “जिंदगी की यही रीत है, हार के बाद ही जीत है” गाने पर थिरक कर कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई की। इसके साथ उन्होंने यह भी संदेश दिया कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का हर एक कार्यकर्ता तैयार है।
ऐसा कम ही देखा गया है कि हारने के बाद कोई दुखी होने के बजाय नाचता गाता नजर आए। आमतौर पर लोग ऐसी स्थिति में दुखी हो जाते हैं और उससे निकलने में भी काफी समय लग जाता है, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशियों ने बड़ी जिंदादिली के साथ अपनी हार को स्वीकर किया है।
इस हार को सकारात्मक रूप में लेते हुए पूर्व वन मंत्री और कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार व जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम कार्यकर्ताओं के साथ नाचते-गाते नजर आए। धार में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव हुए थे, जिसमें जीत का फैसला गोली के द्वारा हुआ है। जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर बीजेपी समर्थित प्रत्याशियों की जीत हुई है।
दरअसल, जिला पंचायत की 28 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के ही 14-14 सदस्य जीते थे। शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के प्रत्याशियों के लिए सदस्यों ने मतदान किया, जिसमें प्रत्याशियों को 14-14 बराबर वोट मिले। इसके बाद, जीत का फैसला धार के जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर द्वारा गोली से किया गया।
इस प्रक्रिया के लिए प्रत्याशियों के नाम की पर्चियां एक पारदर्शी जार में ड़ाली जाती हैं और बच्चे से पर्ची निकलवाई जाती है। इसमें बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों का किस्मत ने साथ दिया और उनके नाम की पर्ची निकली। इसके बाद अध्यक्ष पद के लिए सरदार सिंह मेड़ा और उपाध्यक्ष पद के लिए श्रीमती संगीता हेम सिंह पटेल जीत गईं।