मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से एक शख्स को धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 1968 की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। शख्स पर अपनी प्रेमिका का धर्म बदलने की कोशिश करने के आरोप हैं। शहडोल पुलिस के मुताबिक महिला दो साल पहले 32 वर्षीय इरशाद खान के साथ भागी थी। दोनों तब से लिव-इन में रह रहे थे।

धनपुरी के पुलिस उपखंड अधिकारी (SDOP)भरत दुबे ने कहा “महिला के प्रेमी के साथ भागने के बाद उसके माता-पिता ने पुलिस से संपर्क किया था। शिकायत के बाद पुलिस ने उन्हें ढूंढ निकाला था, लेकिन महिला नाबालिग नहीं थी और वह इरशाद के साथ रहना चाहती थी। इसीलिए अदालत ने उन्हें साथ रहने की अनुमति दे दी थी।”

एसडीपीओ भरत दुबे के मुताबिक, 27 नवंबर को पीड़िता अपने पिता के घर लौटी थी। महिला ने शिकायत की कि इरशाद उसे अपनी संस्कृति के अनुकूल होने के लिए मजबूर कर रहा है। दुबे ने बताया कि अन्य बातों के अलावा, उसने आरोप लगाया कि आरोपी उसे अरबी सीखने के लिए मजबूर कर रहा था।

इस आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 498ए और मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता कानून की धारा 3,4 और 5 के तहत के दर्ज किया। वहीं हरियाणा के यमुनानगर में एक मुस्लिम युवक ने हिंदू लड़की से शादी करने के लिए अपना धर्म परिवर्तन किया है। युवक ने एक मंदिर में हिंदू धर्म अपनाया और हिंदू रीति-रिवाजों के साथ लड़की से शादी की।

शादी के बाद दोनों ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कहा था कि उन्हें जान को खतरा है। जिसके बाद हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यमुनानगर पुलिस की सुरक्षा में रखा गया है। 9 नवंबर को दोनों ने लड़की के घरवालों की मर्जी के खिलाफ मंदिर में शादी की। लड़की के घरवालों को जब दोनों की शादी की जानकारी हुई तो उन्होंने दोनों को धमकी देनी शुरू कर दी।

लड़के का आरोप है कि लड़के का परिवार उन दोनों को अंजाम भुगतने की धमकी दे रहा है। उनका कहना है कि मौका मिलते वे दोनों को मार देंगे, जिसके बाद दोनों ने हाई कोर्ट में अपील की। हाई कोर्ट ने कपल को सुरक्षा देने का आदेश दिया है।