मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने कर्जमाफी के लिए किसानों को आवेदन भरने के लिए कहा है। जिसके बाद कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन अब इस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार की कर्जमाफी की योजना से कई किसान खासे परेशान नजर आ रहे है। किसानों का आरोप है कि कर्ज लिए बिना ही उन्हें कर्जदार बना दिया गया है। बता दें कि प्रदेश के सागर में उन किसानों का नाम भी कर्जमाफी की लिस्ट में आया है जिन किसानों ने कर्ज ही नहीं लिया था। किसानों के आरोप के बाद सागर जिले के सेंट्रल कॉओपरेटिव कमेटी मैनेजर ने कहा कि हम सूचना इकट्ठा कर रहे हैं। अगर किसी ने गलती की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

ताजा मामला सागर जिले का है जहां बंडा और देवरी तहसील में कुछ किसान उस वक्त नाराज हो गए जब उन्हें यह पता चला कि उनका नाम भी कर्जमाफी की लिस्ट आ गया है। जबकि उनका कहना है कि उन लोगों ने कभी कर्ज ही नहीं लिया। कई किसानों ने आरोप लगाया कि पुराना कर्ज चुकता करने के बाद भी बैंक ने एक बार फिर लिस्ट चस्पा कर दी है, जिसमें उनके नाम हैं। मामला सामने आने के बाद सागर जिला केंद्रीय सहकारी समिति के प्रबंधक ने कहा, “हम बैंक प्रबंधक से जानकारी एकत्र कर रहे हैं। यदि किसी की गलती पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।”

बता दें कि कमोबेश ऐसा ही मामला छतरपुर से भी आया है। बताया जा रहा है कि यहां केंद्रीय सहकारी बैंक की सहकारी समितियों के कर्जदारों की लिस्ट में कई ऐसे लोगों के नाम हैं जिन्होंने कभी कर्ज लिया ही नहीं है। जिसकी शिकायत जिलाधिकारी से भी की गई। इससे पहले खरगोन में भी किसान कर्जमाफी की लिस्ट देख हैरान रह गए। इस लिस्ट में लाखों रुपये के कर्ज में डूबे किसानों का केवल 25 से 30 रुपये का कर्ज ही माफ हुआ था। राज्य के कई जगहों पर ऐसे हैरान करने वाले मामले सामने आ रहे हैं। जिसके बाद से सरकार इस योजना पर विपक्षी तीखे हमले बोल रहे हैं।