आज सोशल मीडिया का दौर है, जिसमें लोगों को ट्रोल करना आम बात सी हो गई है। राजनैतिक फायदे के लिए तो यह ट्रोलिंग की समस्या और भी गंभीर हो गई है। अब मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान इसके नए शिकार बने हैं। दरअसल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए आगामी 28 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। ऐसे में प्रदेश के चुनावी माहौल पूरी तरह से गरमाया हुआ है। ऐसे माहौल में सीएम शिवराज सिंह की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी शेयर की जा रही है। दरअसल इस तस्वीर में शिवराज सिंह चुनावी दौरों के दौरान हेलीकॉप्टर में खाना खाता दिखाई दे रहे हैं। खास बात ये है कि इस तस्वीर में शिवराज सिंह की थाली में नॉनवेज जैसा कुछ दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि शिवराज सिंह को ट्रोल किया जा रहा है और ट्रोल्स यह कहकर शिवराज सिंह की आलोचना कर रहे हैं कि ‘वह चुपचाप नॉन-वेज खा रहे हैं और जनता के बीच खुद के निष्ठावान हिंदू होने की बात करते हैं।’

मध्य प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा भी इस तस्वीर को धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है। हालांकि जब इस तस्वीर की सत्यता जांची गई तो पता चला कि यह तस्वीर फर्जी है और इसे कांट-छांट कर बनाया गया है। शिवराज सिंह पक्के वेजेटेरियन हैं और नॉन-वेज नहीं खाते हैं। दरअसल बीते दिनों ही पीटीआई पर शिवराज सिंह की एक तस्वीर आयी थी। इस तस्वीर में भी शिवराज सिंह हेलीकॉप्टर में खाना खाता दिखाई दे रहे हैं। हालांकि इस तस्वीर में शिवराज की थाली में नॉन वेज जैसा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है। ट्रोल्स ने इसी तस्वीर में काट-छांट कर शिवराज की थाली में वेज की बजाए नॉन-वेज खाना दिखा दिया। तस्वीर में काट-छांट भी इस लापरवाही के साथ की गई है कि असली तस्वीर में शिवराज की थाली में चम्मच दिखाई दे रही है। फर्जी तस्वीर में चम्मच तो थाली से हटा दी गई, लेकिन चम्मच का पिछला हिस्सा अभी भी साफ-साफ देखा जा सकता है।

बता दें कि यह तस्वीर अशरफ देवगन नाम के यूजर ने i support ravish kumar, i support truth नामक ग्रुप में शेयर की गई है। इस ग्रुप में 80 हजार से ज्यादा सदस्य हैं। बहरहाल तस्वीर से हुई छेड़छाड़ के आधार पर कहा जा सकता है कि चुनावी मौसम में फायदे के लिए यह फर्जी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की गई है! बता दें कि इस बार मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। भाजपा सरकार जहां इस बार राज्य में सत्ता विरोधी लहर और पार्टी में गुटबाजी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं कांग्रेस भी गुटबाजी से अछूती नहीं है। यही वजह है कि राज्य विधानसभा चुनावों पर सभी की निगाहें लगी हैं।