बुंदेलखंड में किवदंतियां तो बहुत हैं जो सच और चरितार्थ भी हैं। लोग हर बात पर बुन्देली नियमों, कथा, कहावतों और कहानियों का जिक्र अक्सर किया करते हैं। यहाँ एक मंदिर ऐसा भी है जहाँ पिछले 30 सालों से भी ज्यादा पुलिस वाले बतौर पुजारी के रूप में पूजा करते हैं। इस मंदिर में पूजा के लिये पुजारी की नियुक्ति पुलिस विभाग द्वारा की जाती है और किसी पुलिस कर्मी को पुजारी के रूप में मंदिर में नियुक्त किया जाता है। बुंदेलखंड (मध्य प्रदेश) के छतरपुर जिले में एक मंदिर है जिसमें पुजारी कोई पुरोहित या पंडित नहीं बल्कि पुलिस विभाग में नौकरी करने वाला पुलिस का आरक्षक होता है। बालाजी मंदिर की बगल में पुलिस कोतवाली है। मंदिर में यह परंपरा इस मंदिर के निर्माण के समय से ही चली आ रही है। मंदिर का ट्रस्ट भी बना हुआ है और इस ट्रस्ट का अध्यक्ष भी पुलिस अधीक्षक ही हैं। इस मंदिर की देख-रेख, निर्माण कार्य और अन्य व्यवस्थाएं पुलिस विभाग के द्वारा संचालित की जाती हैं।

कोतवाली के बगल में बने हनुमान जी के मंदिर को शहर के लोग बालीजी मंदिर के नाम से जानते हैं। इस मंदिर में पिछले 25 सालों से इस मंदिर में पुलिस विभाग के द्वारा पुजारी की नियुक्त की जा रही है। बताया जा रहा है कि बालाजी मंदिर में पिछले 25 सालों में 6 आरक्षकों को पुजारी के रूप में नियुक्त किया जा चुका है। वर्तमान में पुजारी के पद पर नियुक्त आरक्षक श्याम विहारी चाैबे ने बताया कि सबसे पहले आरक्षक रामसुमेर पांडे, जानकी प्रसाद तिवारी, गिरीश महाराज, केशव प्रसाद मिश्रा और दो बार पुलिस के जवान रज्जू तिवारी को मंदिर का पुजारी बनाया गया। इन सभी जवानों की नियुक्त पुजारी के रूप में वर्तमान एस.पी. के आदेश पर की जाती है।

बालाजी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष वर्त्तमान एस.पी. ललित शाक्यवार हैं। इसके साथ ही उपध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष पुलिस विभाग के आला अधिकारी हैं। मंदिर में चढ़ने वाले चढ़ावे की जानकारी सार्वजनिक की जाती है। पुजारी ने बताया कि मंदिर में जो चढ़ावा और दानपेटी में गुप्तदान आता हैं, वह मंदिर के निर्माण कार्य में ही उपयोग किया जाता है। मंदिर की दान पेटी का चढ़ावा पुलिस अधिकारियों के सामने खोला जाता हैं। सारे पैसे का हिसाब सही तरीके किया जाता है।
30 साल पहले कोतवाली में पदस्थ आरक्षक रामसुमेर पांडे यहां पर बने एक मकान में रहते थे, जो धार्मिक स्वभाव के थे। उन्होंने मकान के बाहर पड़े खाली स्थान पर पूजा करने के लिए एक छोटा सा हनुमान जी का मंदिर बनाया था। जो समय के साथ बदलता गया और आज दो मंजिला हनुमान जी का भव्य मंदिर यहां पर बनकर तैयार हो गया है। इस मंदिर की पूरी देख रेख थाना पुलिस सहित जिले का पुलिस विभाग करता है। पुलिसकर्मी द्वारा बनाया गया छोटा सा मंदिर आज बड़ा और भव्य रूप ले चुका है। अब यह लोगों की आस्था और विश्वाश का केंद्र बना हुआ है। रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ति की कामना करते हैं। समय समय पर मंदिर में भव्य कार्यक्रमों का आयोजन भी होता रहता है।