Sambhal Mosques: होली के त्योहार को लेकर यूपी की योगी सरकार पूरे अलर्ट मोड में है। उत्तर प्रदेश के कुछ ऐसे जिलें हैं, जहां होली के दिन मस्जिदों को तिरपाल से ढका गया है या ढगा जाएगा। अब संभल में मुस्लिम पक्ष ने जुलूस के रास्ते में आने वाली लगभग 10 मस्जिदों को तिरपाल से ढकने का फैसला लिया है। वहीं कानून-व्यवस्था को लेकर पुलिस ने कई अहम फैसले लिए हैं।
संभल के एएसपी ने कहा कि धार्मिक स्थलों को आपसी सहमति से ढका जाएगा। हिंदू समुदाय 2.30 बजे तक होली खेल ले। इसके बाद मुस्लिम पक्ष नमाज पढ़ेगा। यह फैसला होली पर निकाले जाने वाले चौपाइयों के जुलूस को देखते हुए लिया गया है। जुलूस रूट के दौरान पड़ने वाले सभी मस्जिदों को ढका जाएगा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को दी बड़ी राहत
इससे पहले संभल के विवादित ढांचा (शाही जामा मस्जिद) विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की मांग मानते हुए बाहरी परिसर में रंगाई-पुताई की इजाजत दे दी है। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने आदेश दिया कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) एक हफ्ते में यह काम पूरा करेगा। इससे पहले, हाईकोर्ट ने विवादित परिसर में सफाई की अनुमति दी थी, जिसे ASI पहले ही पूरा कर चुका है।
मस्जिद कमेटी ने सिर्फ बाहरी हिस्से में पेंटिंग की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि रंगाई-पुताई के दौरान मस्जिद के ढांचे को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। इस फैसले को मुस्लिम पक्ष के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। इसके अलावा, हाईकोर्ट ने मस्जिद को बिना किसी छेड़छाड़ के लाइट से सजाने की अनुमति भी दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी।
शाहजहांपुर में 67 मस्जिदों को तिरपाल से ढका गया
शाहजहांपुर में होली पर लाट साहब के जुलूस से पहले शहर की 67 मस्जिदों को तिरपाल, पन्नी से ढक दिया गया। जुलूस में रंगों की बौछार के बीच कोई विवाद न हो, इसलिए प्रशासन प्रतिवर्ष ऐसा कदम उठाता है। सुरक्षा की दृष्टि से दो कंपनी पीएसी भी बुला ली गई है, आज यानि बुधवार को आरएएफ भी आ जाएगी। 1800 पुलिसकर्मी समेत करीब चार हजार जवानों की अलग-अलग क्षेत्र में ड्यूटी लगाई जाएगी।
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आजादी के बाद चली आ रही है जुलूस की परंपरा
आजादी के बाद से शाहजहांपुर में लाट साहब के जुलूस की परंपरा आरंभ हुई थी। इसमें अंग्रेजों के प्रतीक स्वरूप एक व्यक्ति को लाट साहब बनाकर भैंसागाड़ी पर बैठाकर घुमाया जाता है। आक्रोश के तौर पर उसकी झाड़ू से पिटाई होती है, जूते-चप्पल की माला पहनाई जाती है। लाट साहब बनने वाले व्यक्ति सहमति से जुलूस में आता है, इसके बदले उसे 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। चौक क्षेत्र से बड़े लाट साहब जबकि रामचंद्र मिशन क्षेत्र से छोटे लाट साहब का जुलूस निकाला जाता है।
सुरक्षा को लेकर लगातार समीक्षा
एएसपी ग्रामीण मनोज अवस्थी ने बताया कि सुरक्षा को लेकर लगातार समीक्षा की जा रही है। जुलूस को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए 827 लोगों को पुलिस ने जोड़ा है। यह लोग अलग-अलग क्षेत्रों में अराजकतत्वों पर नजर रखेंगे। पुलिस को अपने-अपने क्षेत्र की गतिविधियों के बारे में जानकारी देंगे। इनके नाम भी गोपनीय रखें जाएंगे। बरेली में पांच हजार से अधिक सदस्य बनाए गए। पीलीभीत में साढ़े चार हजार जबकि बदायूं में 583 सदस्य जोड़े गए है। लाट साहब बनने वाले व्यक्ति को कमेटी की ओर से भी हजारों रुपये का नकद इनाम व उपहार दिये जाते हैं। उसकी पहचान गोपनीय रखी जाती है। लाट साहब को करीब चार दिन पहले से ही गोपनीय स्थान पर रखकर खातिरदारी शुरू हो जाती है।
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