बिहार में शराबबंदी लागू होने के 20 महीने बाद भी शराब और शराबी रोजाना कहीं न कहीं पकड़े जा रहे हैं। ताजा मामला भागलपुस से लगे जिले शेखपुरा के बरबीघा थाने का है। मंगलवार को 450 कार्टून भारत निर्मित विदेशी शराब की खेप से लदी ट्रक को पुलिस ने पकड़ लिया। इस सिलसिले में मामला दर्ज कर 18 लोगों को नामजद किया गया है लेकिन किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। बरामद की हई शराब की कीमत 50 लाख रुपए आंकी गई है। पुलिस के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक, 20 महीने के दौरान एक लाख से ज्यादा लोगों को शराब बेचने या पीने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। 30 आरोपियों को अदालत से सजा भी हुई है, फिर भी यह सिलसिला थम नहीं रहा है।

ध्यान रहे कि बिहार में पहली अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू की गई थी। इसके लिए नीतीश सरकार द्वारा सख्त कानून बनाए गए। पुलिस व उत्पाद महकमे को विशेष तौर पर एलर्ट किया गया। साथ ही थानेदार तक को इसके लिए जिम्मेदार बनाया गया। इन सबके बाबजूद राज्य में लापरवाही देखने को मिलती रही। नतीजतन इस दौरान राज्य में 148 पुलिस अधिकारी और 84 कॉन्स्टेबल निलंबन या विभागीय कार्रवाई के दायरे में हैं। इसके अलावा छह पुलिस अधिकारियों व 21 पुलिस के जवानों को बर्खास्त किया जा चुका है। 17 आबकारी महकमे के अधिकारियों पर भी निलंबन या बर्खास्तगी की गाज गिर चुकी है।

एक अधिकारी के मुताबिक, शराब बेचने या पीने के सिलसिले में 85 हजार से ज्यादा मामले 20 महीने के दौरान दर्ज किए जा चुके हैं और इस दौरान साढ़े पांच लाख के करीब छापेमारी पुलिस व आबकारी अधिकारियों ने की है। इन छापेमारियों में 13 लाख लीटर से ज्यादा विदेशी और साढ़े 9 लाख लीटर देसी शराब बरामद की गई है। भागलपुर जोन के आईजी सुशील खोपड़े बताते हैं कि नए साल का जश्न मनाने के मद्देनजर पुलिस को खास हिदायतें दी गई हैं। क्रिसमस से लेकर नए साल तक पुलिस को शराब पर विशेष चौकस रहने को कहा गया है। इसी का नतीजा है कि शेखपुरा जिले के बरबीघा में शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई। शराब से लदी ट्रक का नंबर जम्मू कश्मीर का है और उसमें ड्राइवर का लाइसेंस पंजाब का मिला है। उन्होंने ने कहा कि किसी भी हालत में शराब बेचने, तस्करी करने और सेवन करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।