गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना पुल रविवार को ढह गया। पुल के ढहने के कारण अब तक कुल 132 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। वहीं सेना की तीनों टुकड़ियां राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी राहत और बचाव कार्य में जुटी है। रविवार रात जब पुल हादसा हुआ, उसके बाद वहां पर चीख-पुकार मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे।

पुल हादसे को लेकर एक चश्मदीद जो घटना के दौरान वहां मौजूद थे और चाय बेच रहे थे, उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “मैं हर रविवार को वहां चाय बेचता हूं। लोग केबल से लटक रहे थे और फिर नीचे गिर गए। मुझे नींद नहीं आई और पूरी रात लोगों की मदद की। 7-8 महीने की गर्भवती महिला को मरते हुए देखना दिल दहला देने वाला था। ऐसा कभी कुछ अपने जीवन में नहीं देखा था।”

वहीं एक अन्य चश्मदीद हसीना ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। बच्चे भी थे। मैंने अपने परिवार के सदस्यों के रूप में लोगों की मदद की। मैंने शवों को अस्पताल ले जाने के लिए अपना वाहन भी दिया। व्यवस्थापक ने भी मदद की।मैंने ऐसा कुछ कभी नहीं देखा।”

बता दें कि इसी साल मार्च में मोरबी स्थित ओरेवा ग्रुप (अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड) को इस पुल के रखरखाव और प्रबंधन का ठेका दिया गया था। यह पुल नगरपालिका की संपत्ति है और नगर पालिका ने इस कंपनी को ठेका दिया था। बता दें कि यह एक प्राइवेट कंपनी है और यह ई बाइक भी बनाती है। मोरबी नगर पालिका के अधिकारी ने बताया कि पुल को चालू करने से पहले निजी कंपनी ने इसका फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं प्राप्त किया था।

वहीं सोमवार को मीडिया से बात करते हुए गुजरात के गृह मत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि इस हादसे में अब तक 132 लोगों की मौत हो चुकी है और पुल हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद से रवाना होते हुए कल ही एक हाई पावर कमेटी का गठन किया था। विभिन्न स्थानों पर तैनात सभी अधिकारियों को सुबह दो बजे तक मोरबी में रिपोर्ट करने को कहा गया है। जांच चल रही है। आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। रेंज आईजीपी के नेतृत्व में आज से जांच शुरू हो गई है।”