बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को प्रचंड जीत मिली है और महागठबंधन की करारी हार हुई है। बिहार में मोकामा विधानसभा सीट चर्चा में थी, क्योंकि चुनाव से कुछ दिन पहले ही दुलारचंद यादव नाम के व्यक्ति की हत्या हुई थी। हत्या का आरोप जेडीयू विधायक अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर लगा था। दुलारचंद यादव की हत्या उनके ही गांव तारतर में हुई थी। उसके बाद से मोकामा में चर्चा होने लगी थी कि क्या अनंत सिंह का किला इस बार ढहने वाला है।
दुलारचंद के गांव में अनंत सिंह का दबदबा
अब तारतर गांव के बूथ की रिपोर्ट आई है, जहां पर अनंत सिंह का दबदबा कायम रहा। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार तारतर गांव 224 नंबर बूथ में आता है और यहां पर अनंत कुमार सिंह को 264 वोट मिले जबकि सूरजभान सिंह की पत्नी और आरजेडी उम्मीदवार वीणा देवी को 174 वोट मिले। वहीं पीयूष प्रियदर्शी जो जन सुराज के प्रत्याशी थे और जिनके लिए दुलारचंद यादव प्रचार कर रहे थे, उन्हें महज 15 वोट मिले। यानी अनंत सिंह ने दुलारचंद के गांव में भी अपना दबदबा कर रखा। 224 नंबर बूथ पर अनंत सिंह का कोई एजेंट भी नहीं था।
माना जा रहा था कि दुलार चंद यादव की हत्या के बाद लोग अनंत सिंह के खिलाफ होंगे और जमकर उनके खिलाफ वोट पड़ेंगे। जन सुराज के पीयूष प्रियदर्शी धानुक समाज से आते हैं और उनके लिए ही दुलारचंद यादव प्रचार कर रहे थे, जब उनकी हत्या हुई थी। लेकिन उन्हें भी महज 15 वोट मिले।
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बगल के बूथों की क्या है स्थिति?
वहीं अगर हम आसपास के बूथों का भी जिक्र करे तो अनंत सिंह को वोट मिले हैं। पास के ही बूथ नंबर 226 पर अनंत सिंह को 206 वोट मिले जबकि वीणा देवी को 483 वोट मिले। बूथ नंबर 227 पर अनंत सिंह को 103 जबकि वीणा देवी को 635 वोट मिले।
कब हुई थी हत्या?
30 अक्टूबर को मोकामा के टाल इलाके में दो उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें दुलारचंद यादव की हत्या हो गई थी। घटना के समय अनंत सिंह मौके पर मौजूद थे और उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन किया था, ऐसा प्रशासन ने माना है। दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि 30 अक्टूबर को घटना वाले दिन जेडीयू और जन सुराज पार्टी के समर्थकों के बीच तारतर गांव में झड़प हुई और इस दौरान अनंत सिंह ने दुलारचंद यादव पर गोली चला दी।
