उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अबू नगर में बजरंग दल समेत कई हिंदू संगठनों के सदस्य और कई अन्य लोग एक पुराने मकबरे के परिसर में घुस गए और दावा किया कि यह एक मंदिर है। इतना ही नहीं उन्होंने यहां पर पूजा-अर्चना की मांग की। कुछ प्रदर्शनकारियों को लाठियों से ढांचे में तोड़फोड़ करते देखा जा सकता है। इलाके में पुलिस तैनात है। बजरंग दल ने ढांचे को मंदिर बताते हुए यहां पूजा-अर्चना करने की मांग की है। मुस्लिम पक्ष की तरफ से पथराव भी किया गया है हालांकि इस पथराव में कोई हताहत नहीं हुआ है। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं।

फतेहपुर जिला बजरंग दल के सह-संयोजक धर्मेंद्र सिंह कहते हैं, “हम पूजा करने जा रहे थे और हम पूजा करेंगे। प्रशासन हम लोगों को रोक नहीं पाएगा। पूजा करने का हमारा अधिकार है और हम हिंदू धर्म में पैदा हुए हैं, पूजा करने का अधिकार लेकर पैदा हुए हैं। हमारे अधिकार से हमें कोई वंचित नहीं कर सकता। वो हमारा मंदिर है और जो लोग उस मंदिर को मकबरा बता रहे हैं उन लोगों का इलाज करने के लिए यहां पर भीड़ इकट्ठा हुई है। हम उनको समझाने के लिए यहां पर एकत्रित हुए हैं। हमारे मंदिर को छोड़ दो और हमें रास्ता दो, अगर रास्ता नहीं मिलेगा तो हम ऐसे तूफान हैं कि रास्ता खुद बनाते हैं। हम को कोई भी बैरिकेड्स नहीं रोक पाएंगे।”

एसपी अनूप कुमार ने मामले पर क्या बताया?

अबू नगर में कानून व्यवस्था की स्थिति पर फतेहपुर के एसपी अनूप कुमार सिंह ने कहा, “हमने पुलिस बल तैनात किया था और तैयारी की थी। कुछ लोगों ने पत्थर और बेंत उठाए थे, लेकिन उनके पास कोई हथियार नहीं था। सभी लोग उस जगह को छोड़ चुके हैं। उन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने कानून को अपने हाथ में लिया। हमें इसके बारे में जानकारी मिली है कि प्रदर्शनकारियों द्वारा स्मारक पर हिंदू झंडे लगाए गए हैं। अब वहां कोई झंडा नहीं है।” एसपी ने कहा कि दोनों पक्षों के लोग तितर-बितर हो गए हैं और हालात अब सामान्य है। 10 थानों की पुलिस टीमें यहां तैनात हैं, पीएसी की एक कंपनी और स्थानीय प्रशासन भी मौजूद है।

कानून-व्यवस्था हमारी प्राथमिकता – डीएम

इस मामले पर जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र सिंह ने कहा, “दोनों पक्षों के लोग आज यहां पर आए थे। कुछ अफवाहें कुछ असामाजिक तत्व फैला रहे थे लेकिन जब वो वहां पर आए तो उनको एक बात समझाई गई और वो सभी संतुष्ट हो गए। फिर उनको आश्वासन दिया गया कि कानून-व्यवस्था को पूरा सुचारू रूप से चलाया जाएगा। कुछ भी अवैध या वैधानिक चीज नहीं होगी। अभी किसी के साथ कोई समझौता नहीं हुआ है। हमारी सबसे पहली प्राथमिकता तो यही है कि हमारी कानून-व्यवस्था सामान्य रहे। इसके बाद में जो अलग-अलग लोग हैं, सब के मन में किसी भी तरह की कोई भ्रांति ना रहे।” लाल किले पर कब्जे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी महिला