सर्दियां बढ़ते ही दिल्ली का वायु प्रदूषण भी खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। दिल्ली में वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार से लेकर एनजीटी तक ने कड़े निर्देष दिए हैं। वहीं इस बार वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एमआईटी के वैज्ञानिक डॉ मॉशे ऑलमारो की सहायता ली जाएगी। डॉ. ऑलमारो अमेरिका में एमआईटी के प्रफेसर और वैज्ञानिक हैं जो नई जेट इंजन तकनीक के जरिए दिल्ली की स्मॉग की समस्या को दूर करने की कोशिश करेंगे। डॉ. ऑलमारो और जेएनयू (टेक्नोलोजिकल) के पूर्व प्रॉफेसर वी. मुरलीकृष्ण के नेतृत्व में ये प्रयोग होने जा रहा है। इनकी लीडरशिप में विज्ञानिकों का एक ग्रुप बेकार हो चुके जेट विमानों के इंजन जरिए हवा को साफ करने की कोशिश करेंगे।

कैसे काम करेगी जेट इंजिन तकनीक
खबरों के मुताबिक जेट इंजन को हर पावर प्लांट या किसी ऐसी जगह पर लगाया जाएगा जहां से धुआं निकलता हो। इंजन की मदद से धुएं को समेटकर वायुमंडल में किसी ऐसी जगह छोड़ा जाएगा जहां प्रदूषण पर असर नहीं होगा। इस तकनीक से वायुमंडल में गर्म हवा की प्रदूषित चादर को हटाने में मदद मिलेगी और इससे स्मॉग की समस्या भी दूर हो सकती है। जेट इंजन लगभग 500 मीटर प्रति सेकंड की स्पीड से स्मॉग को एक जगह से दूसरी जगह भेज सकेगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि ये तकनीक काफी प्रभावी साबित होगी। जेट इंजन को किसी खास जगह लगाने के बाद यह हर तरह के धुंए से प्रदूषित हवा को समेटेगा और यह लगभग अपने एक किलोमीटर के दायरे के अंदर की हवा को साफ करेगा।

इंजन प्रदूषित हवा को बेहद तेजी से सोखकर ऊपर की तरफ फेंकेगा और स्मॉग को काफी ऊंचाई पर छोड़ा जाएगा। वहीं इस तकनीक के किसी एक प्रॉजेक्ट पर सिर्फ 4 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके लिए रिटायर्ड इंजन्स का इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसा एक प्रयोग 45 साल पहले संयुक्त राष्ट्र संघ में किया जा चुका है और खबरों के मुताबिक उसके काफी सकारात्मक नतीजे रहे थे।