बच्चों को नमक-रोटी खिलाने के कारण चर्चा में आए मिर्जापुर जिले के जमालपुर ब्लॉक स्थित शिउर स्थित प्राथमिक विद्यालय में बच्चों ने अचानक स्कूल जाना बंद कर दिया। इस स्कूल में कुल 97 बच्चों का नाम रजिस्टर में दर्ज है लेकिन गुरुवार (5 सितंबर) को सिर्फ एक बच्चा जिसका नाम सुखराम था वही स्कूल पहुंचा था। गांव वालों से जब इस बारे में जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल की गिरफ्तारी और पत्रकार पवन जायसवाल पर जिला प्रशासन द्वारा कराए गए मुकदमे के विरोध में बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया हैं। लेकिन इसके बावजूद गुरुवार को स्कूल का नजारा पहले से कुछ बदला नजर आया। पहले वहां किचन में खाने के लिए राशन नहीं थे। लेकिन जब गुरुवार को देखा गया तो किचन में खाने-पीने के सामानों से भरा पड़ा था। स्कूल में बच्चे तो नहीं आए लेकिन स्कूल के मिड-डे मील (Mirzapur Mid-day Meal) के मेन्यू के हिसाब से दाल- रोटी बनी और सभी अध्यापक भी सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक उपस्थित रहे।

स्कूल के हालात में सुधार: इस घटना के बाद स्कूल की हालात में सुधार देखने को मिला। वहां पुराने टॉयलेट की जगह नए टॉयलेट का निर्माण कराया जा रहा है। इस स्कूल में अभी तक लाइट की व्यवस्था नहीं थी। लेकिन गुरुवार को देखा गया कि वहां लाइट कनेक्शन भी लग चुका है। गांव वालों से विरोध के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि, जब तक पत्रकार और प्रधान प्रतिनिधि के साथ जिला प्रशासन न्याय नहीं करता, इसी प्रकार से स्कूल का विरोध जारी रहेगा। गांव के लोग स्कूल का खुलासा करने वाले पत्रकार का समर्थन कर रहे हैं। उनका मानना है कि जो स्कूल की सच्चाई को जनता के सामने लाया उसके खिलाफ केस दर्ज क्यों हुआ? जबकि स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा ने बताया कि उस दिन दो बार नमक-रोटी और नमक-चावल दिया गया था।

इस घटना के बारे कमिश्नर को जानकारी नहीं: जब इस बारे में मिर्जापुर के कमिश्नर आनंद कुमार सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। अगर ऐसा है तो मासूम बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि, यदि ऐसी कोई घटना हुई है तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।’

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क्या है पूरा मामला: दरअसल कुछ दिनों पहले ही स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल ने मिर्जापुर जिले के गांव शिउर के प्राइमरी स्कूल में बच्चों को रोटी के साथ नमक खाने का वीडियो शूट कर खबर बनाई थी। इसके बाद यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिला प्रशासन ने स्कूल पर कार्रवाई करने के बजाय पत्रकार को यह बोलकर गिरफ्तार कर लिया कि प्रिंट का पत्रकार वीडियो कैसे बना सकता है। पत्रकार पर प्रशासन के खिलाफ साजिश करने का भी आरोप लगाया गया है। इसके बाद जिले के पत्रकार जिला मुख्यालय के बाहर बैठकर धरना-प्रदर्शन करने लगे। इधर मामला तूल पकड़ने के बाद प्रभारी मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को उजागर करने और सच बताने के लिए पत्रकार पर कार्रवाई गलत है, हम इस मामले में प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगेंगे।

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