फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह ने रविवार (8 मई) को कहा कि भारतीय युवाओं को उनकी कहानी से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके जीवित रहते एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक जीतना चाहिए। मिल्खा ने रविवार (8 मई) को यहां मलाल के साथ कहा, ‘‘मैं 1960 रोम ओलंपिक में पदक जीतने से चूक गया था और अब तक मुझे इसका मलाल है। तब से आधी शताब्दी से अधिक बीत चुकी है लेकिन कोई भारतीय एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक नहीं जीत पाया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरी आखिरी ख्वाहिश है कि ओलंपिक खेलों के पोडियम पर किसी भारतीय एथलीट के गले में ओलंपिक पदक देखूं।’’ पुणे अंतरराष्ट्रीय खेल एक्सपो ने कार्यक्रम के अंतिम दिन खिलाड़ियों और कोचों को सम्मानित किया और इस दौरान मिल्खा ने अपनी यह ख्वाहिश जताई।
मिल्खा ने कहा, ‘‘मैं अंतिम प्रतिस्पर्धी रेस लगभग 50 साल पहले दौड़ा था लेकिन इसके बाद इतने वर्षों में इतने बड़े देश में कोई मिल्खा पैदा नहीं हुआ। मैं विशेष तौर पर पुणे आया क्योंकि जब मैं भारतीय सेना से जुड़ा तो यहां मैंने अपनी ट्रेनिंग के दौरान छह से सात साल बिताए और इस शहर से मुझे काफी कुछ दिया।’’