कोरोनाकाल के बीच जहां एक तरफ सरकारें अधिकारियों से मिल-जुल कर काम करने और व्यवस्थाओं को संभालने की अपील कर रही हैं, वहीं कुछ जगहों पर प्रशासनिक अधिकारी अपने ही सीनियर अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में भी प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तनातनी का एक नया मामला सामने आया है। यहां एक एसडीएम ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसके बाद राज्य सरकार ने एसडीएम को सस्पेंड कर उसकी हरकत के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

दरअसल, मामला प्रतापगढ़ का है। यहां के एसडीएम का आरोप है कि लालगंज इलाके में स्कूल के पट्टा आवंटन में भ्रष्टाचार हुआ है और इस खेल में डीएम, एडीएम और जिले के दूसरे आला-अधिकारी भी शामिल हैं। हालांकि, जिला प्रशासन का कहना है कि लालगंज में तैनाती के वक्त उपाध्याय का वकीलों से झगड़ा हो गया था और उन्होंने अपनी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की बंदूक छीनकर उन्हें धमकाने का प्रयास किया था। इसी मामले की जांच में एसडीएम को नोटिस भेजा गया, जिससे वे नाराज हो गए।

बताया गया है कि एसडीएम विनीत उपाध्याय इसी के विरोध में उपाध्याय डीएम रुपेश कुमार के बंगले के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। वे धरने पर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ बैठे थे। करीब 4 घंटे तक दफ्तर के बाहर ही बैठे रहने के बाद आला-अफसरों ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस भेजा। इस दौरान खबर मीडिया तक न पहुंच पाए, इसके लिए जिला प्रशासन ने डीएम बंगले के बाहर पुलिस तैनात कर मामले को दबाने की काफी कोशिश की। हालांकि, मामला खुलने के बाद प्रतापगढ़ के एडीएम शत्रोहन वैश ने कहा कि उपाध्याय ने उनके और डीएम के खिलाफ कुछ आरोप लगाए हैं। इसे लेकर डीएम रुपेश कुमार ने एसडीएम के खिलाफ सरकार को एक रिपोर्ट भी भेजी है। बाद में राज्य सरकार ने उन्हें सस्पेंड करते हुए स्पष्टीकरण देने के लिए कहा।