सीबीआइ ने गृह मंत्रालय के लापता अधिकारी आनंद जोशी को रविवार (15 मई) को हिरासत में ले लिया। जोशी पर आरोप है कि उन्होंने वित्तीय लाभ के लिए कई गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को मनमाने तरीके से विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत नोटिस जारी किए थे। गृह मंत्रालय में अवर सचिव आनंद जोशी पिछले बुधवार (11 मई) की सुबह गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित अपने आवास से लापता हो गए थे। उन्हें रविवार (15 मई) शाम पश्चिम दिल्ली के तिलक नगर इलाके से पकड़ा गया और पूछताछ के लिए सीबीआइ मुख्यालय ले जाया गया। जोशी से सीबीआइ की विशेष अपराध शाखा के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। सीबीआइ प्रवक्ता देवप्रीत सिंह ने कहा ‘सूचना के आधार पर कि वह (आरोपी) पश्चिम दिल्ली इलाके में है, शाम पांच बजे के करीब उन्हें हिरासत में लिया गया।’ जोशी और कुछ अनाम लोगों के खिलाफ भ्रष्ट आचरण और मनमाने तरीके से विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत कई एनजीओ को नोटिस जारी करने में शामिल रहने को लेकर मामला दर्ज किया गया है। ये एनजीओ विदेशी चंदा हासिल करते थे और इनमें तीस्ता सीतलवाड का सबरंग ट्रस्ट भी शामिल है।

दूसरी ओर जोशी ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके वरिष्ठों ने एनजीओ को क्लीन चिट देने के लिए उन दबाव डाला है। घर से रवाना होने से पहले लिखे गए अपने पत्र में जोशी ने दावा किया था कि हाल के महीनों में उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। सूत्रों ने बताया कि जब सीतलवाड के एनजीओ सबरंग ट्रस्ट का एफसीआरए रद्द करने का फैसला किया गया तो संबंधित फाइलें गायब पाई गईं। अब ये फाइलें बरामद कर ली गई हैं और एफसीआरए संभाग को सौंप दी गई हैं और सीबीआइ से मामले की जांच करने को कहा गया है। सबरंग ट्रस्ट का लाइसेंस नौ सितंबर, 2015 को गृह मंत्रालय ने एफसीआरए नियमों का कई उल्लंघन करने को लेकर निलंबित कर दिया था। इसमें ट्रस्टियों के निजी लाभ के लिए कोष के दुरुपयोग का भी आरोप शामिल है।

जब गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने पाया कि फाइलें लापता हैं तो उन्होंने जांच की और पाया कि जोशी वो अधिकारी हैं जो फाइलें ले गए थे। उन्हें तलब किया गया और फाइलों को वापस लिया गया। सीबीआइ अधिकारी ने बताया कि एक अवर सचिव को फाइल ले जाने की अनुमति नहीं है। सिर्फ संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के अधिकारी फाइल घर सूत्रों ने बताया कि यह गौर किया गया कि फाइलें गायब हैं जब गृह मंत्रालय ने स्ले जा सकते हैं। यह गंभीर उल्लंघन है।