बीएचयू के 101 वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रीय लोक वित्त और नीति संस्थान नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. विजय केलकर ने कहा कि काशी की पुण्य भूमि से मानवता का संदेश दुनिया भर में गया। काशी से ही कबीर व शंकराचार्य के मानवता संदेश को पूरी दुनिया ने जाना। डॉ केलकर ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के 1947 के भाषण का जिक्र किया और महात्मा गांधी के विचारों की प्रासंगिकता को भी दोहराया।

बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में सोमवार को सायंकाल दीक्षांत भाषण करते हुए उन्होंने कहा कि 1914 से 1950 के दौर में दुनिया भर में हिंसा व विभाजन हुआ, सूखा और अकाल से गुजरते हुए हम आगे बढ़ें। अब हम विकास के तीसरे दौर में है, जिसमें विज्ञान और आर्थिक नीति महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग धंधों का सीधा प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। देष की अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने के लिए इसका विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि लघु उद्योग धंधों को जब बिजली सब्सिडी पर मिलेगी तब इनकी लागत कम होगी और उद्योग धंधे मजबूत होगें।

लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योग देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। निर्यात करने वाले उत्पादों में एक बड़ा भाग लघु उद्योग का ही होता है। जब इन्हें सब्सिडी पर बिजली देने की व्यवस्था हो जाएगी। तब उत्पाद बनाने में इनका लागत 20 से 30 फीसदी घट जाएगा। दीक्षांत समारोह में बीएचयू आइएमएस में एमडीएमएस सर्वोच्च अंक पाने वाले डॉ शिवकुमार को गोल्ड मेडेल दिया गया।

इसके अलावा संस्थान में आयोजित दीक्षांत में निदेशक प्रोफेसर आरके जैन और उपचिकित्सा अधीक्षक चेस्ट रोग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जेएन श्रीवास्तव, डॉ शिव को रामनिवास, हरिदास एवं बिट्टन देवी को गोल्ड मडेल प्रदान किया गया। दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को भी गोल्ड मेडल दिया गया। पीएचडी में 147, एमफिल, एमएससी टेक, एमएससी में 844 और बीएससी में 791 उपाधियों का वितरण किया गया। दीक्षांत समारोह में बीएचयू के चांसलर और इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश गिरधर मालवीय ने सभी विद्यार्थियों को आशीवर्चन दिए। कार्यक्रम का संचालन कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर ने किया।