कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के मामा सरताज मदनी ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के उपाध्यक्ष पद से आज इस्तीफा दे दिया। गौरतलब है कि तीन सप्ताह पहले ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं इमरान अंसारी और उनके चाचा आब्दी अंसारी सहित कई विधायकों ने मुफ्ती पर भाई – भतीजावाद का आरोप लगाते हुए सवाल किया था कि आखिर पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने आसपास परिजनों और मित्रों का जमघट क्यों लगा रखा है। मदनी ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा महबूबा मुफ्ती (पीडीपी प्रमुख) को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि पद से इस्तीफा पार्टी के व्यापक हित में दिया गया है। हालांकि उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।
माना जा रहा है कि मदनी का इस्तीफा पार्टी से खफा विधायकों को वापस लाने का तरीका है।

मदनी 2014 में दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के देवसर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए थे।  पार्टी के असंतुष्ट नेता लगातार मदनी और कुछ नेताओं पर निशाना साधते रहे हैं कि “करीबी रिश्तों के जोड़तोड़ के चलते पीडीपी को आज इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है और इसकी कीमत उसे राज्य में सत्ता गंवाकर चुकानी पड़ी है।

महबूबा के इस्तीफे के बाद से जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अनुमति के बाद से अब तक घाटी में राज्यपाल शासन चल रहा है। बता दें कि वोहरा जम्मू एवं कश्मीर के संविधान के प्रावधानों के तहत राज्यपाल शासन को लागू करने की सिफारिश की, जो राज्य में छह महीने तक राज्यपाल शासन रहने की मंजूरी देता है।