दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के दयाल सिंह कॉलेज में सोमवार को बाउंसरों के साए में प्रबंध समिति (जीबी) की बैठक हुई। कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आइएस बक्शी का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब जीबी की बैठक के लिए कॉलेज को पूरी तरह से बंद कर दिया गया हो। उन्होंने इस बैठक को डीयू अधिनिनियम के मुताबिक गैरकानूनी करार दिया।
डॉक्टर बक्शी ने बताया कि रविवार को मुझे ई-मेल के माध्यम से कॉलेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष की ओर से जानकारी दी गई थी कि सोमवार को जीबी की बैठक है। उन्होंने बताया कि मैंने उन्हें ई-मेल के माध्यम से ही उत्तर दिया जिसमें कहा कि अभी जीबी में विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (ईसी) के नामित सदस्यों की संख्या पूरी नहीं है। ईसी की ओर से 5 से 8 सदस्य जीबी के लिए नामित किए जाते हैं जबकि अभी दयाल सिंह कॉलेज की जीबी में सिर्फ दो ईसी सदस्य ही नामित हैं।
प्राचार्य ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय अधिनियम के मुताबिक, यह बैठक गैरकानूनी है क्योंकि बैठक का कोरम ही पूरा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने अपने जवाब में यह भी लिखा था कि मैंने आपको एक महीने पहले जो एजंडा दिया था, उसको स्वीकार करके आपकी ओर से नहीं भेजा गया है। इन दोनों ही वजह से मैंने बैठक में हिस्सा नहीं लिया। डॉक्टर बक्शी ने कहा कि जीबी की बैठक के लिए पूरे कॉलेज को बंद कर दिया गया। इस दौरान जीबी के सदस्यों के अलावा न किसी शिक्षक, कर्मचारी और न ही किसी विद्यार्थी को अंदर जाने दिया गया। कॉलेज के गेट पर कई बाउंसर तैनात थे ताकि अगर कोई कॉलेज के अंदर जाने की कोशिश करे तो उसे पीटा जा सके। उन्होंने बताया कि दयाल सिंह कॉलेज की ओर से जीबी की बैठक में कोई नहीं गया।
सड़क पर ही हुई स्टॉफ काउंसिल की बैठक
प्राचार्य के मुताबिक, सुबह 8 बजे से लेकर शाम तक हम सभी शिक्षक बारिश में भीगते हुए गेट के सामने ही खड़े रहे। उन्होंने बताया कि सोमवार को कॉलेज में स्टॉफ काउंसिल की बैठक भी प्रस्तावित थी। जब हमें कॉलेज के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया तो हमने गेट के सामने सड़क पर खड़े होकर ही बैठक का आयोजन किया।
बैठक का उद्देश्य छात्र संघ चुनाव में हस्तक्षेप
कॉलेज के शिक्षक प्रोफेसर पीके परिहार ने बताया कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य छात्र संघ चुनाव में हस्तक्षेप करना था। उन्होंने बताया कि छात्र संघ चुनाव के दौरान एक उम्मीदवार का चुनाव प्रोविजनल रखा हुआ था क्योंकि उसने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया था। बाद में चुनाव समिति ने निर्णय करते हुए उसका चुनाव रद्द कर दिया। अब जीबी के माध्यम से उस छात्र के चुनाव को बहाल करने की कोशिश की जा रही है। प्राचार्य ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया जीबी के तहत आती ही नहीं है। ऐसे में उसके हस्तक्षेप का मामला ही नहीं बनता है।
जीबी ने प्राचार्य डॉक्टर बक्शी को लंबी छुट्टी पर भेजा
प्रबंध समिति के अध्यक्ष अमिताभ सिन्हा ने कहा कि जीबी की बैठक में दयाल सिंह कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आइएस बक्शी को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है और उनकी जगह दयाल सिंह कॉलेज सांध्य के प्राचार्य डॉ पवन कुमार शर्मा को प्रभार दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्राचार्य ने छात्र संघ के चुने अध्यक्ष को कॉलेज में ‘जाट-गुजराइजेशन और सेफराइजेशन’ को रोकने के लिए उसका चुनाव रद्द कर दिया था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उनके खिलाफ आर्थिक अनियमितताओं के कई मामले सामने आए हैं जिनके दस्तावेज भी हमारे पास हैं। इन्हीं मामलों को देखते हुए उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है।
कॉलेज के गेट पर बाउंसर लगाने के बारे में उन्होंने कहा कि पिछली दो बैठकों में मारपीट हो रही थी। दूसरा, जीबी की बैठक में छात्र संघ के अध्यक्ष को लेकर बात होनी थी जिसकी वजह से कॉलेज में हिंसा की आशंका थी। इन दोनों बातों को ध्यान में रखते हुए निजी सुरक्षा एजंसी के सुरक्षाकर्मियों की मदद ली गई थी। ईसी के नामित सदस्यों के जीबी में नहीं होने के आरोप में उन्होंने कहा कि यह आरोप सही नहीं है। अगर ईसी के सदस्य नामित नहीं होंगे तो क्या कॉलेज का काम रुक जाएगा। जीबी अध्यक्ष को बैठक बुलाने का अधिकार है।

