मेरठ में शुक्रवार की शाम तीन मंजिला एक इमारत ढहने से 15 लोग मलबे में दब गए। परिवार और पड़ोसियों ने सभी को गंभीर अवस्था में मलबे से बाहर निकाला, लेकिन उनमें से 10 की मौत हो गई। 5 को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें तीन बच्चे और उनके पिता भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि तीन मंजिला पूरी इमारत सिर्फ एक पिलर के सहारे थी। मकान 300 गज के प्लॉट में बनी थी।
हादसे में घायल 5 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा, “घटना शनिवार शाम करीब 4:30 बजे मेरठ के जाकिर कॉलोनी क्षेत्र में घटी। परिवार और रिश्तेदारों के अनुसार, 15 लोग घर के मलबे में फंसे हुए थे। सभी 15 को बाहर निकाल लिया गया है; जिनमें से 10 की मौत हो चुकी है और 5 का इलाज जारी है। क्षेत्र को सील कर दिया गया है और मलबा हटाया जा रहा है। बचाव अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक हम मलबे में किसी भी मानव जीवन के होने की संभावना समाप्त नहीं हो जाती है।”
घटना की सूचना मिलने पर पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अधिकारी फौरन इमारत के मलबे को हटवाने में जुट गये। तेज बारिश की वजह से गिरी इमारत के मलबे को हटाने में राहतकर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

मलबे के अंदर फंसे कई लोगों को बार निकालने के लिए राहत और बचाव के काम में जुटे लोगों को मलबे के अंदर जाकर खोजबीन करनी पड़ी। अंदर दबे कुछ लोगों को निकालने के लिए राहत कर्मचारियों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ी।

राहत कर्मियों की मदद के लिए आस-पड़ोस के लोग भी जुटे रहे। बड़ी संख्या में युवकों ने लोहे की सरिया के साथ लगे पत्थरों और ईंटों के मलबे को हटाकर राहत कर्मियों की मदद की।

मलबे में कई बच्चे भी दबे थे। तीन की तो मौके पर ही मौत हो गई। एक बच्चे को एंबुलेंस से फौरन गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उसकी स्थिति बेहद नाजुक रही।

मलबे को हटाने और अंदर और लोगों के फंसे होने के बारे में पता लगाने के लिए राहतकर्मी रविवार को भी खोज अभियान जारी रखे रहे। अफसरों का कहना है कि जब तक यह साफ नहीं हो जाता है कि अंदर कोई नहीं, तब तक खोज अभियान जारी रहेगा।