केरल के मलप्पुरम जिले की एक मस्जिद ने एक कैंसर पीड़ित बच्ची के इलाज के लिए लोगों से मदद की अपील की। जैसे ही इसके बारे में पड़ोस के दो मंदिरों को पता चला, तुरंत वह मदद के लिए आगे आ गए। दोनों मंदिरों और मस्जिदों ने मिलकर कुछ ही दिनों में 1.48 करोड़ रुपये जमा कर लिए। इसके साथ ही पूरे जिले और राज्य के अन्य हिस्सों के लोगों ने भी योगदान दिया। इस पैसे से न केवल 18 साल की कैंसर रोगी हन्ना की मदद होगी, बल्कि कई अन्य बीमार लोगों की भी मदद की जा सकेगी।
मस्जिद के इमाम इस्माइल बकावी कोत्ताक्कल ने द टेलीग्राफ को बताया, “लगभग 10 दिन पहले हमने मंदिर समितियों को सैयदलवी (ऑटो-रिक्शा चालक और हन्ना के पिता) की दुर्दशा के बारे में सूचित किया, जिनके पास अपनी बेटी के ईलाज के लिए पैसा नहीं था। दोनों मंदिर समितियों ने तुरंत सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे का एक बड़ा उदाहरण प्रदान करते हुए परिवार की मदद करने की पेशकश की। कैसे मानवता बाधाओं से ऊपर उठकर काम आती है, ये उसका सबसे बड़ा उदाहरण है।”
कोट्टक्कल गांव में अलुक्कल जुमा मस्जिद, कुट्टीपुरथुकावु भगवती मंदिर और नरसिम्हा मूर्ति मंदिर (जो दशकों से मौजूद है) से एक दूसरे से महज सौ मीटर की दूरी पर हैं। मंदिरों ने 50,000 रुपये और 27,000 रुपये अपने खजाने से दिए और मस्जिद के जिम्मेदार लोगों के साथ मिलकर एक संयुक्त समिति का गठन किया। गठित समिति ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर पीड़ित हन्ना के लिए फंड की अपील जारी की।
सभी समुदायों के सदस्यों से अब तक 70 लाख रुपये हन्ना के ईलाज के लिए निर्धारित किए गए हैं, जिनका पड़ोसी कोझीकोड के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। बचे हुए 78 लाख रुपये सोमवार को 60 से अधिक लाभार्थियों के बीच वितरित किए गए। (केरल में मंकीपॉक्स से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है।)
मस्जिद के इमाम ने कहा, “मुझे पता है कि मलप्पुरम को बहुत अधिक नकारात्मक प्रेस कवरेज मिलती है। लेकिन हिंदू, मुस्लिम और ईसाई यहां सदियों से सद्भाव से रहते आए हैं। मैं मानता हूं कि हर तरफ कुछ सांप्रदायिक तत्व हैं, जो कुछ मुद्दों को हवा देते हैं। लेकिन पीड़ित बच्ची के लिए क्राउड फंडिंग इस बात का उदाहरण है कि कैसे मानवता ऐसी सभी मानव निर्मित बाधाओं से ऊपर उठ सकती है।”