मां के श्रृंगार हो या मंदिरों की सजावट, फूलों के बिना ये अधूरे ही रहते हैं। लेकिन इस वर्ष बढ़े हुए फूलों के दामों ने सीधे आम जनता की जेब पर असर डालना शुरू कर दिया है। वर्तमान में फूल दोगुने दामों पर बिक रहे हैं, और गाजीपुर मंडी के थोक व्यापारियों का कहना है कि सप्तमी तक कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है। दीपावली के समय यह कीमतें कई गुना तक बढ़ सकती हैं।
नवरात्रि के कारण गाजीपुर की फूल मंडी पहले से महकने लगी है। थोक और खुदरा दोनों स्तरों पर फूलों की मांग में तेजी आई है, जिससे व्यापारियों के चेहरे खिल उठे हैं। मंडी में गेंदे के फूल के थोक व्यापारी गुलजार ने बताया कि नवरात्र के दौरान फूलों की मांग हमेशा बढ़ती है। लोग घरों और मंदिरों में फूल चढ़ाते हैं, मालाएं बनवाते हैं और सजावट करते हैं। इस बार भी मंडी में यही रुझान देखा गया।
पहले गेंदे का फूल 40-50 रुपए प्रति किलो बिक रहा था, लेकिन अब यह 80-120 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। यदि मांग इसी तरह बनी रहती है तो आने वाले दिनों में कीमत 150 रुपए प्रति किलो तक जा सकती है। कोलकाता से आने वाली गेंदे की माला, जिसे कौड़ी कहते हैं, के दाम भी दोगुने हो गए हैं। गेंदे के अलावा कमल और गुलाब की मांग और कीमतों में भी तेजी देखी जा रही है।
फूल व्यापारी दिलशाद के अनुसार, इस समय कमल का थोक दाम 5 रुपए प्रति फूल है, जबकि नवरात्र से पहले यह 2-3 रुपए था। सप्तमी तक इसकी कीमत 20 रुपए प्रति फूल तक पहुंच सकती है। गुलाब की पंखुड़ियों की कीमत भी 100-150 रुपए प्रति किलो के बीच है और यह भी 10-20 रुपए प्रति किलो तक बढ़ सकती है।
वृद्धि का मुख्य कारण व्यापारियों के अनुसार भारी बारिश है, जिससे फूलों की फसल को नुकसान हुआ है। फूलों की मांग बहुत अधिक है, लेकिन उतनी आवक मंडी तक नहीं हो पा रही। बारिश के कारण कई खेतों में फूल खराब हो गए हैं। यदि इसी तरह फूलों की आवक कम रहती है, तो आगामी दीपावली यानी पंच दिवसीय पर्व के दौरान कीमतें और भी बढ़ सकती हैं। गाजीपुर मंडी में हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कोलकाता सहित विदेशों से भी फूलों की आपूर्ति होती है।