नेतृत्व की कमी से जूझ रहे प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) ने ‘जंगलमहल’ इलाके में अपनी साख को फिर से मजबूत करने का फैसला लिया है। माओवादी ने पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ उसकी साख बिगाड़ने के लिए गुपचुप अभियान शुरू किया है। जगंलमहल के पुरूलिया, बांकुड़ा और पश्चिमी मिदनापुर जिलों की करीब 40 सीटों पर चार और 11 अप्रैल को चुनाव होना है। इन 40 में से 30 सीटों पर माओवादियों की मजबूत पकड़ हुआ करती थी।

एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने मीडिया को बताया, ‘‘माओवादी पिछले दो वर्षाें में फिर से एकत्रित होने का प्रयास कर रहे हैं, खासकर झारखंड और ओडिशा सीमा के निकट के इलाकों में लेकिन वे सफल नहीं हो रहे हैं। उनका अब वो रसूख नहीं रह गया है जो 2010-2011 के दौरान हुआ करता था। वे लगभग अस्तित्वहीन हो गये हैं।’’

अधिकारी ने बताया, ‘‘लेकिन झारखंड और ओडिशा के सीमावर्ती इलाकों के कुछ हिस्सों में वे लोग तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं और वे गुपचुप अभियान में लगे हैं।’’सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बात से सहमत दिखे।  केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘उनके पास अब वो ताकत नहीं है जो पहले हुआ करती थी लेकिन कई बार हमारे मुखबिरों के जरिये हमें रिपोर्ट मिलती है कि झारखंड, ओडिशा सीमा पर माओवादी राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।’’