कर्नाटक के मंगलुरु में एक स्कूल में भजन और सूर्य नमस्कार के विरोध में हंगामा हो गया है। दरअसल एक राजनैतिक संस्था कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) ने स्कूल में बच्चों से जबरदस्ती भजन और सूर्य नमस्कार करने पर अपना विरोध जताया है और इसकी शिकायत शिक्षा अधिकारियों से की है। मामला मंगलुरु के बंतवाल तालुक के उली गांव के श्री पंचदुर्गा स्कूल का है। सीएफआई के नेता वजीर ने इस मामले की शिकायत ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से की है। अपने शिकायत में वजीर ने कहा है कि स्कूल में विभिन्न धर्मों और मान्यताओं को मानने वाले बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन स्कूल प्रशासन सभी बच्चों पर भजन और सूर्य नमस्कार करने के लिए दबाव डालता है। हर गुरुवार को स्कूल में भजन गाया जाता है, वहीं सूर्यनमस्कार हफ्ते में दो दिन कराया जाता है।
सीएफआई नेता का कहना है कि बच्चों के माता-पिता द्वारा स्कूल की इस मनमानी का विरोध भी किया जाता है। शिकायत में कहा गया है कि इस तरह की जबरदस्ती बच्चों को स्कूल जाने से भी रोक सकती है। वहीं स्कूल प्रशासन ने इस मसले पर अपनी सफाई देते हुए इस आरोप को गलत बताया है। स्कूल के हेडमास्टर का कहना है कि भजन और सूर्य नमस्कार सभी बच्चों के लिए जरुरी नहीं हैं। सामान्य तौर पर क्लास से पहले भजन गाया जाता है और सूर्य नमस्कार शारीरिक अध्यापक की देख-रेख में होता है। जो भी बच्चे इसे करना चाहते हैं वही करते हैं। स्कूल किसी छात्र के साथ जबरदस्ती नहीं करता। वहीं पूरे मसला जानने के बाद शिक्षा अधिकारियों ने मामले की जांच करने का आदेश दिया है।
बता दें कि हाल ही में कर्नाटक में स्कूली किताबों में ईसाई और इस्लाम धर्म पर आधारित एक पाठ को सिलेबस में जगह दी गई है, जिस पर दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध दर्ज कराया है। दरअसल इस पाठ के अभ्यास में बच्चों को चर्चों और मस्जिद जाने को कहा गया है, जिससे वह इन धर्मों के रीति-रिवाजों को समझ सकें। विहिप ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि हमारे बच्चे ऐसा क्यों करें, जब ये दोनों समुदाय हिंदुत्व के बारे में जानने के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते? उल्लेखनीय है कि मंगलुरु को सांप्रदायिक रुप से काफी संवेदनशील माना जाता है।