मध्य प्रदेश के मंदसौर में दरिंदगी का शिकार हुई बच्ची की हालत में अब सुधार आ रहा है। बच्ची जिस अस्पताल में भर्ती है, वहां के डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची को जिस हालत में लाया गया था, उसके मुकाबले अब उसकी सेहत में काफी सुधार है और अब वह खतरे से बाहर है। फिलहाल पीड़ित बच्ची को हल्का और सेमी सॉलिड खाना दिया जा रहा है, आज उसने कुछ बातचीत भी की है। अस्पताल के बाहर के डॉक्टरों ने भी उसके स्वास्थ्य की जांच की है और उसकी हालत की समीक्षा की जा रही है। बता दें कि बीते 26 जून को मंदसौर में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली इस 8 वर्षीय बच्ची का अपहरण करने के बाद उसके साथ बलात्कार किया गया और बाद में उसे जान से मारने के उद्देश्य से उसे गंभीर घायल अवस्था में झाड़ियों में फेंक दिया गया था।

पुलिस ने इस मामले में 2 आरोपियों इरफान और आसिफ को गिरफ्तार किया है। पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक आरोपी ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस पूछताछ में इरफान और आसिफ ने बताया कि मंगलवार को वह दोनों एक स्कूल के गेट के सामने खड़े थे, तभी बच्ची को देखकर उनकी नीयत बदली और उन्होंने बच्ची को मिठाई का लालच देकर अपने साथ ले लिया। बाद में दोनों ने एक सुनसान इलाके में जाकर बच्ची के साथ बलात्कार कर दरिंदगी की और बाद में उसे मरने के लिए झाड़ियों में फेंककर फरार हो गए।

वहीं बच्ची के साथ बलात्कार की इस घटना के बाद पूरे मंदसौर में लोगों का गुस्सा उबल पड़ा है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। मुस्लिम समाज के लोगों ने भी आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की है और आरोपियों के गांव के लोगों ने फांसी के बाद उनके शवों को गांव में नहीं दफनाने देने की बात कही है। दूसरी तरफ वकीलों की ओर से घोषणा की गई है कि वो आरोपियों का केस नहीं लड़ेंगे। वकीलों ने गुरुवार को रैली निकालकर अपनी बात जिला जज के सामने रखी। इस घटना को लेकर लोगों में सरकार के खिलाफ भी गुस्सा है।

आनंद ट्रस्ट की ओर से इंदौर हाईकोर्ट की बेंच में याचिका दायर कर राज्य सरकार को इस घटना का जिम्मेदार मानते हुए उसे बर्खास्त करने की मांग की गई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि पीड़ित बच्ची को बेहतर इलाज के लिए किसी बड़े अस्पताल में भर्ती कराया जाए और उसका पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करे। वहीं कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मामले में सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।