संभाजी ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार (तीन जनवरी) को पुणे में मराठी नाटककार राम गणेश गडकरी (1885-1919) की प्रतिमा तोड़ दी। यह प्रतिमा पुणे स्थित संभाजी पार्क में स्थित थी। मराठा शासक छत्रपति शिवाजी के बेटे संभाजी के नाम पर बनाए गए ब्रिगेड ने हाल ही पुणे नगरपालिका चुनावों के लिए अपने प्रत्याशी घोषित किए थे। संभाजी ब्रिगेड पहली बार साल 2004 में तब चर्चा में आया था जब एक किताब के विमोचर के मौके पर ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने पुणे स्थित भंडारकर ओरिएंटर रिसर्च इंस्टीट्यूट (बीओआरआई) में तोड़-फोड़ कर दी थी।
संभाजी ब्रिगेड के पदाधिकारियों का आरोप है कि राम गणेश गडकरी ने अपनी रचनाओं में छत्रपति संभाजी का “अपमान” किया है। संभाजी ब्रिगेड के पुणे नगर प्रमुख संतोष शिंदे ने कहा, “हम इस घटना की जिम्मेदारी लेते हैं। हमारे कार्यकर्ताओं ने प्रतिमा को हटाया है। राम गणेश ने अपने लेखन में संभाजी की आलोचना की है। संभाजी के नाम वाले पार्क में राम गणेश की प्रतिमा लगाने का हम हमेशा से विरोध करते रहे हैं। हमने पुणे नगरपालिका को पिछले 10 साल से इस बाबत पत्र लिखते रहे हैं। हमारे कार्यकर्ता इसके लिए पुलिस की कार्रवाई का सामना करेंगे।”
डेक्कन जिमखाना पुलिस थाने के सीनियर इंस्पेक्टर अजय कदम ने कहा, “इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा रही है। सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि ये संभाजी ब्रिगेड का काम है। हम इस दावे की जांच कर रहे हैं। हम इलाके में लगे सीसीटीवी फूटेज की भी जांच करेंगे और घटना में शामिल लोगों को जल्द गिरफ्तार करेंगे।” कदम ने बताया कि घटना के वक्त पार्क में केवल एक सुरक्षागार्ड तैनात था। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने लिखा है कि संभाजी ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने प्रतिमा को उखाड़कर मुथा नदी में फेंक दिया। पुलिस पार्क से हटायी गयी प्रतिमा की तलाश कर रही है।
वहीं मंगलवार को ही कांग्रेस विधायक नीतेश राणे ने ट्वीट करके कहा कि प्रतिमा हटाने वालों का संभाजी ब्रिगेड सो कोई संबंध नहीं है। ट्विटर पर इस बात को लेकर घमासान जारी है कि इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है। हालांकि संभाजी ब्रिगेड के नेताओं ने ये स्वीकार किया है कि घटना में शामिल दो युवक उनके संगठन के सदस्य हैं। राजनीतिक पहचान बनाने के लिए ऐसे हमले करवाने के आरोप पर संभाजी ब्रिगेड के संतोष शिंदे ने कहा है कि वो राजनीति में हाल में ही आए हैं लेकिन वो ऐसे मुद्दे पहले भी उठाते रहे हैं।
राम गणेश गडकरी की एकच प्याला और प्रेम संन्यास जैसी रचनाएं मराठी साहित्य में काफी प्रसिद्ध हैं। राम गणेश गडकरी गोविंदराज और बालाक्रम नाम से रचनाएं किया करते थे। संभाजी पार्क में उनकी प्रतिमा 1962 में स्थापित की गई थी। 2004 में संभाजी ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने अमेरिकी लेखक जेम्स लेन की किताब ‘शिवाजी: हिन्दू किंग इन इस्लामिक इंडिया’ के विमोचन पर भंडारकर इंस्टीट्यूट पर हमला करके तोड़फोड़ की थी।