एक कॉल सेंटर गिरोह ने कथित तौर पर अमेरिका की एक बुजुर्ग महिला की जान ली है, जिसने अमेरिकी राजस्व अधिकारी बने कॉल सेंटर के कर्मियों की मांगों को पूरा करने से इनकार किया था जिसके बाद उसे धमकाया गया था। गिरोह को उजागर करने वाले ठाणे पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के मुताबिक, जब्त की गई कॉल रिकॉर्ड की हार्ड डिस्क की जांच करने पर जांच दल को महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। सिंह ने शुक्रवार (7 अक्टूबर) को मीडिया के एक तबके से कहा कि एक कर्मी ने एक अज्ञात अमेरिकी महिला को फोन कर धमकाया था जिसके बाद कथित तौर पर मस्तिकाघात से उसकी मौत हो गई। उन्होंने इस मामले की और जानकारी नहीं दी।
एक कॉल रिकॉर्ड से यह घटना सामने आई है जिसमें महिला के बेटे को अपनी मां की मौत को लेकर कॉल करने वाले को अपशब्द कहते सुना जा सकता है। उन्होंने कहा कि जांच दल कॉल का स्थान और समय पता लगाने की कोशिश कर रहा है। वह यह पता लगा रहा है कि कौन कर्मचारी इसमें शामिल है। पकड़े जाने के बाद आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत अतिरिक्त आरोप लगा सकते हैं। कॉल करने वाले अमेरिकी नागरिकों से वित्तीय और बैंक की जानकारी मांगते थे। अगर वे जानकारी देने से इनकार करते थे तो वे उन्हें कथित तौर पर कानूनी कार्रवाई और जुर्माने सहित परिणाम भुगतने की धमकी देते थे।
कॉल करने वाले अमेरिकी ‘इंटरनल रेवेन्यू सर्विस’ के अधिकारी बनकर अमेरिकी लहजे में वहां के लोगों से बात कर उनसे ठगी करते थे। पुलिस के मुताबिक, कुछ कर्मचारी तो एक लाख रूपये महीने तक कमाते थे। उन्हें गिरोह के संचालक अमेरिकी नागरिकों से धन उगाने के लिए इनाम देते थे। पुलिस ने बताया कि वे रोजाना कम से कम 100 कॉल करते थे जिसमें से 10-15 कॉल में उन्हें कामयाबी मिल जाती थी और उनमें से तीन-चार लोग उनकी धमकी के डर से भुगतान भी कर दिया करते थे। इन कॉल सेंटर की कमाई एक करोड़ से डेढ़ करोड़ रुपए रोजाना की थी और वार्षिक तौर पर 300 करोड़ रुपए से ज्यादा ये कमाते थे। काशिमीरा पुलिस ने 70 लोगों को गिरफ्तार करने के अलावा, 630 लोगों के खिालाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और आईटी कानून एवं टेलीग्राफ कानून के तहत मामला दर्ज किया है।